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गोविंद वन्य जीव विहार में स्नो लेपर्ड की मौजूदगी, वन महकमे ने जताई खुशी

यमुना घाटी के गोविंद वन्य जीव विहार में पेट्रोलिंग के दौरान वन विभाग के कर्मचारियों ने स्नो लैपर्ड के मूवमेंट को ट्रैक किया है.

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Published : Aug 2, 2020, 7:26 PM IST

Updated : Aug 2, 2020, 7:56 PM IST

Snow Leopard
गोविंद वन्य जीव विहार में दिखा स्नो लेपर्ड

उत्तरकाशी: उत्तराखंड से विलुप्त होते हिम तेंदुए के संरक्षण के लिए त्रिवेंद्र सरकार उत्तरकाशी में कंजर्वेशन सेंटर स्थापित करने का ऐलान किया. इसके साथ ही उनकी गणना के लिए वन विभाग को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं. जानकारी के मुताबिक, उत्तरकाशी एवं पिथौरागढ़ जिले में हिम तेंदुए ज्यादा मात्रा में देखे गए हैं. अभी तक इनकी गणना नहीं की गई है. विभिन्न शोधों के आधार पर उत्तराखंड में अभी 86 हिम तेंदुए हैं. उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बीते कुछ सालों में वन्य जीवों की संख्या में वृद्धि हुई है.

गोविंद वन्य जीव विहार में दिखा स्नो लेपर्ड.

यमुना घाटी के गोविंद वन्य जीव विहार से भी वन विभाग के लिए स्नो लेपर्ड के दृष्टिकोण से सुखद संकेत सामने आए हैं. वन विभाग की टीम ने पेट्रोलिंग के दौरान स्नो लेपर्ड को कैमरे में कैद किया है. एक हजार वर्ग किलोमीटर में फैले गोविंद वन्य जीव विहार की स्थापना 1953 में हुई थी.

गोविंद वन्य जीव विहार के सूपिन रेंज के अधिकारी ज्वाला प्रसाद गौड़ ने ETV BHARAT को खास जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष अप्रैल माह में विहार के उच्च अधिकारियों के साथ पेट्रोलिंग की गई. पेट्रोलिंग के दौरान पहली बार 3500 से 3800 मीटर की ऊंचाई पर स्नो लेपर्ड के पग मार्क और स्केट के साक्ष्य मिले हैं. जिन्हें विभाग ने अपने कैमरों में पहली बार कैद किया है.

Snow Leopard
स्नो लैपर्ड के पदचिन्ह.

ये भी पढ़ें: उत्तरकाशी में बनेगा पहला स्नो लैपर्ड संरक्षण केंद्र, राज्य में होगी गणना

ज्वाला प्रसाद गौड़ का कहना है कि इससे पूर्व वर्ष 2006 में भी वन्य जीव विहार के क्षेत्र में स्नो लैपर्ड देखा गया. लेकिन अधिकारियों उस स्नो लैपर्ड को ट्रेस नहीं कर पाए. लेकिन इस वर्ष स्नो लेपर्ड के मुख्य साक्ष्य मिलने से यह उम्मीद बढ़ी है कि विहार के अंतर्गत स्नो लेपर्ड मौजूद हैं. ऐसे में स्नो लेपर्ड की संख्या और जानकारी के लिए कैमरे लगाने की तैयारी की जा रही है.

उत्तरकाशी: उत्तराखंड से विलुप्त होते हिम तेंदुए के संरक्षण के लिए त्रिवेंद्र सरकार उत्तरकाशी में कंजर्वेशन सेंटर स्थापित करने का ऐलान किया. इसके साथ ही उनकी गणना के लिए वन विभाग को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं. जानकारी के मुताबिक, उत्तरकाशी एवं पिथौरागढ़ जिले में हिम तेंदुए ज्यादा मात्रा में देखे गए हैं. अभी तक इनकी गणना नहीं की गई है. विभिन्न शोधों के आधार पर उत्तराखंड में अभी 86 हिम तेंदुए हैं. उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बीते कुछ सालों में वन्य जीवों की संख्या में वृद्धि हुई है.

गोविंद वन्य जीव विहार में दिखा स्नो लेपर्ड.

यमुना घाटी के गोविंद वन्य जीव विहार से भी वन विभाग के लिए स्नो लेपर्ड के दृष्टिकोण से सुखद संकेत सामने आए हैं. वन विभाग की टीम ने पेट्रोलिंग के दौरान स्नो लेपर्ड को कैमरे में कैद किया है. एक हजार वर्ग किलोमीटर में फैले गोविंद वन्य जीव विहार की स्थापना 1953 में हुई थी.

गोविंद वन्य जीव विहार के सूपिन रेंज के अधिकारी ज्वाला प्रसाद गौड़ ने ETV BHARAT को खास जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष अप्रैल माह में विहार के उच्च अधिकारियों के साथ पेट्रोलिंग की गई. पेट्रोलिंग के दौरान पहली बार 3500 से 3800 मीटर की ऊंचाई पर स्नो लेपर्ड के पग मार्क और स्केट के साक्ष्य मिले हैं. जिन्हें विभाग ने अपने कैमरों में पहली बार कैद किया है.

Snow Leopard
स्नो लैपर्ड के पदचिन्ह.

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ज्वाला प्रसाद गौड़ का कहना है कि इससे पूर्व वर्ष 2006 में भी वन्य जीव विहार के क्षेत्र में स्नो लैपर्ड देखा गया. लेकिन अधिकारियों उस स्नो लैपर्ड को ट्रेस नहीं कर पाए. लेकिन इस वर्ष स्नो लेपर्ड के मुख्य साक्ष्य मिलने से यह उम्मीद बढ़ी है कि विहार के अंतर्गत स्नो लेपर्ड मौजूद हैं. ऐसे में स्नो लेपर्ड की संख्या और जानकारी के लिए कैमरे लगाने की तैयारी की जा रही है.

Last Updated : Aug 2, 2020, 7:56 PM IST
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