उत्तरकाशी: सिलक्यारा टनल भूस्खलन की घटना को मंगलवार को एक महीना पूरा हो गया है. 28 नवंबर को सिलक्यारा टनल में फंसे सात राज्यों के 41 मजूदरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था. इसके दो हफ्तों से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद अब उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल साइट पर पूरे तरीके से सन्नाटा पसरा हुआ है. यहां अभी तक सुरंग निर्माण को लेकर कोई भी गतिविधि शुरू नहीं हुई है. सुरंग निर्माण का कार्य सिलक्यारा और बड़कोट, दोनों ओर से बंद पड़ा है.
चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में दीपवाली की सुबह साढ़े पांच बजे कैविटी खुलने के कारण भारी भूस्खलन हुआ था. जिसके चलते सिलक्यारा की ओर से सुरंग का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया. जिसके बाद 41 मजदूर सुरंग के अंदर कैद हो गए. तब से लेकर अब तक सुरंग का निर्माण कार्य बड़कोट और सिलक्यारा, दोनों ओर से पूरी तरह बंद है. बड़कोट की ओर से भी सुरंग निर्माण के अभी तक कोई आदेश नहीं मिले हैं. 4.531 किमी लंबी इस सुरंग में लगभग 480 मीटर की खुदाई होना शेष है. नवंबर में 17 दिन तक लगातार चले बचाव अभियान के बाद अब बड़ा सवाल यही है कि सुरंग का निर्माण फिर कब से शुरू होगा? निर्माण में बाधा बनी कैविटी का उपचार कैसे और कौन करेगा?
पढ़ें- उत्तराखंड में आपदा और आस्था का क्या है कनेक्शन, यहां विज्ञान को भक्ति से मिलता है बल, पढ़िए खबर
सिलक्यारा सुरंग का निर्माण करने वाली कंपनी के परियोजना प्रबंधक ने बताया कि सुरंग का निर्माण शुरू होने से पहले कैविटी का उपचार किया जाना है. इसके लिए कैविटी उपचार में खास योग्यता रखने वाली निर्माण एजेंसी का तय मानकों के आधार पर चयन होगा. एनएचआईडीसीएल के परियोजना प्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने कहा पहले विशेषज्ञों की टीम आएगी, जो सुरंग में खुली कैविटी व भूस्खलन की स्थिति का जायजा लेगी. उनकी संस्तुति के आधार पर ही कैविटी का ट्रीटमेंट होगा. उन्होंने कहा यह सब कब होगा, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता.