उत्तरकाशीः गंगोत्री धाम के मुख्य स्नान घाट पर सीवरेज लाइन फटने के कारण पूरा सीवर सीधा गंगा (भागीरथी) में जा रहा है. साथ ही गंगोत्री धाम पहुंच रहे हजारों यात्री दूषित गंगाजल पीने और स्नान के लिए मजबूर हैं. गंगोत्री धाम में गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की ओर से नमामि गंगे परियोजना के तहत पिछले साल सितम्बर में 10.48 लाख की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तैयार किया गया था. जिसकी घटिया निर्माण की गुणवत्ता गंगोत्री धाम के कपाट खुलते ही सामने आ गई है.
गंगोत्री धाम पुरोहित सभा का कहना है कि 7 मई शाम से ही धाम के मुख्य स्नान घाट पर सीवरेज सीधा भागीरथी में जा रहा है, लेकिन शासन और प्रशासन सब चीज देखते हुए भी मौन हैं.
गंगोत्री धाम पुरोहित सभा के अध्यक्ष पवन सेमवाल ने ETV bharat को बताया कि 7 मई जिस दिन गंगोत्री धाम के कपाट खुले हैं. उसी शाम से गंगोत्री धाम के मुख्य स्नान घाट पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की लाइन फट गई थी. उसी दिन से सीवरेज का पूरा गंदा सीवर सीधा भागीरथी नदी में जा रहा है.
जिससे यात्री दूषित गंगाजल भरने को मजबूर हैं. सेमवाल का कहना है कि प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई, लेकिन उसके बाद भी फटी हुई सीवरेज लाइन का उपचार सही तरीके से नहीं किया गया. जिससे गंगा घाटों पर यात्रियों को पूजा अर्चना करने में समस्याएं हो रहीं हैं. साथ ही यात्री मुख्य स्नान घाट पर बह रहे सीवरेज की फोटो भी ले रहे हैं जो कि देश-विदेश में चारधाम यात्रा का एक गलत संदेश दे रहा है, लेकिन उसके बाद भी सम्बन्धित विभाग और शासन प्रशासन मौन है.
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बता दें कि पिछले साल गंगोत्री धाम में नमामि गंगे परियोजना के तहत 10.48 लाख की लागत से गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई विभाग ने सितम्बर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण पूरा किया था, जिससे कि भागीरथी नदी में जाने वाले सीवरेज को रोका जा सके, लेकिन उसकी हकीकत गंगोत्री धाम के कपाट खुलते ही सामने आ गई है.
गंगोत्री धाम के मुख्य स्नान घाट जहां पर हजारों श्रद्धालु हर दिन गंगा स्नान और पूजा का लाभ लेते हैं वहीं पर यात्रियों को दूषित गंगाजल भरना पड़ रहा है लेकिन सब यथास्थिति को देखने के बाद भी जिम्मेदार विभाग और शासन प्रशासन चुप्पी साधे हुए है और व्यवस्थित चारधाम यात्रा की बात हो रही है.