ETV Bharat / state

चारधाम यात्रा के पौराणिक रास्ते की हो रही खोज, यमुनोत्री से गंगोत्री पहुंचा दल - चारधाम

उत्तराखण्ड पर्यटन मंत्रालय ने नेहरु पर्वतारोहण संस्थान के नेतृत्व में एक टीम गठित कर चारधाम के पैदल ट्रैक को ढूंढने की कवायद शुरू कर दी है.

चारधाम के पौराणिक पैदल ट्रैक को ढूढ़ने की कवायद तेज.
author img

By

Published : May 8, 2019, 9:02 AM IST

उत्तरकाशी: ऐसी मान्यता है कि पौराणिक काल में एक ही पुजारी उत्तराखंड के चारों धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की पैदल यात्रा कर पूजा करते थे. उत्तराखण्ड पर्यटन मंत्रालय ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के नेतृत्व में एक टीम गठित कर चारधाम के उस पैदल ट्रैक को ढूंढने की कवायद शुरू कर दी है. इसी क्रम में गढ़वाल आयुक्त वीवी आरसी पुरुषोत्तम ने 10 सदस्यीय टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

बता दें कि टीम यमुनोत्री-गंगोत्री पैदल ट्रैक की रेकी कर गंगोत्री धाम पहुंची. दल ने बताया कि यमुनोत्री से गंगोत्री तक का ट्रैक चार दिन का था. इसमें कई छोटे-छोटे ट्रैक की रेकी भी की गई. अब ये टीम गंगोत्री-केदारनाथ ट्रैक की रेकी करेगा. इस टीम में एवरेस्ट विजेता रवि चौहान सहित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, पुलिस और वन विभाग के टीम भी शामिल है.

चारधाम के पौराणिक पैदल ट्रैक को ढूढ़ने की कवायद तेज.

पढ़ें: सब्जियों के कैरेट के नीचे दबा कर रखा था नकली शराब का जखीरा, आबकारी टीम ने दबोचा

वहीं, गढ़वाल आयुक्त वीवी आरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि उत्तराखंड पर्यटन मंत्रालय की ओर से यह अभियान शुरू किया गया है. अगर चारों धामों के पुराने ट्रैक की पूरी वैज्ञानिक रेकी हो जाएगी. तो ये प्रदेश के पर्यटन के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी.

नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य अमित बिष्ट ने बताया कि यमुनोत्री ट्रैक की रेकी चार दिन की थी. अब 10 सदस्यीय दल गंगोत्री से केदरानाथ के पुराने ट्रैक की रेकी करेगा. जोकि 7 से 8 दिन का होगा. उन्होंने कहा कि पहला मिशन पौराणिक ट्रैक की रेकी करना है. जिसके बाद ही अन्य चीजों पर ध्यान दिया जाएगा.

उत्तरकाशी: ऐसी मान्यता है कि पौराणिक काल में एक ही पुजारी उत्तराखंड के चारों धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की पैदल यात्रा कर पूजा करते थे. उत्तराखण्ड पर्यटन मंत्रालय ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के नेतृत्व में एक टीम गठित कर चारधाम के उस पैदल ट्रैक को ढूंढने की कवायद शुरू कर दी है. इसी क्रम में गढ़वाल आयुक्त वीवी आरसी पुरुषोत्तम ने 10 सदस्यीय टीम को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

बता दें कि टीम यमुनोत्री-गंगोत्री पैदल ट्रैक की रेकी कर गंगोत्री धाम पहुंची. दल ने बताया कि यमुनोत्री से गंगोत्री तक का ट्रैक चार दिन का था. इसमें कई छोटे-छोटे ट्रैक की रेकी भी की गई. अब ये टीम गंगोत्री-केदारनाथ ट्रैक की रेकी करेगा. इस टीम में एवरेस्ट विजेता रवि चौहान सहित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, पुलिस और वन विभाग के टीम भी शामिल है.

चारधाम के पौराणिक पैदल ट्रैक को ढूढ़ने की कवायद तेज.

पढ़ें: सब्जियों के कैरेट के नीचे दबा कर रखा था नकली शराब का जखीरा, आबकारी टीम ने दबोचा

वहीं, गढ़वाल आयुक्त वीवी आरसी पुरुषोत्तम ने बताया कि उत्तराखंड पर्यटन मंत्रालय की ओर से यह अभियान शुरू किया गया है. अगर चारों धामों के पुराने ट्रैक की पूरी वैज्ञानिक रेकी हो जाएगी. तो ये प्रदेश के पर्यटन के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी.

नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य अमित बिष्ट ने बताया कि यमुनोत्री ट्रैक की रेकी चार दिन की थी. अब 10 सदस्यीय दल गंगोत्री से केदरानाथ के पुराने ट्रैक की रेकी करेगा. जोकि 7 से 8 दिन का होगा. उन्होंने कहा कि पहला मिशन पौराणिक ट्रैक की रेकी करना है. जिसके बाद ही अन्य चीजों पर ध्यान दिया जाएगा.

Intro:हेडलाइन- चारधाम का पौराणिक ट्रैक। उत्तरकाशी। कहा जाता है कि पौराणिक काल मे एक ही पुजारी उत्तराखंड के चारों धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ सहित गंगोत्री और यमुनोत्री की पैदल ट्रैक कर पूजा करता था। उसी ट्रैक को ढूढने के लिए उत्तराखण्ड पर्यटन मंत्रालय की और से नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के नेतृत्व में एक टीम गठित कर चारों धामों के उस पैदल ट्रैक की रेकी और ढूंढ कर रही है। जिसे रूट से वह पुजारी चारों धामों की पूजा करने जाता था। इसी क्रम में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के नेतृत्व में 10 सदस्यीय दल गंगोत्री धाम से केदरानाथ ट्रैक की रेकी के लिए रवाना हुई। जिसे गढ़वाल आयुक्त वी वी आरसी पुरुषोत्तम ने फ्लैग आफ कर रवाना किया। वहीं टीम में एवरेस्ट विजेता रवि चौहान सहित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान और पुलिस और वन विभाग के टीम शामिल हैं।


Body:वीओ-1, मंगलवार को गढ़वाल आयुक्त वी वी आरसी पुरुषोत्तम ने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के नेतृत्व में चारधामों के पुराने ट्रैक की रेकी और ढूंढ के लिए निकले 10 सदस्यीय दल को फ्लैग ऑफ कर रवाना किया। यह दल गंगोत्री-केदारनाथ ट्रैक की रेकी करेगा। इससे पूर्व यह दल यमुनोत्री-गंगोत्री पैदल ट्रैक की रेकी कर गंगोत्री धाम पहुंचे। दल ने बताया कि यमुनोत्री से गंगोत्री तक का ट्रैक चार दिवसीय था। इसमें कई छोटे छोटे ट्रैक की रेकी भी की गई। पुरुषोत्तम ने बताया कि उत्तराखंड पर्यटन मंत्रालय की और से यह अभियान शुरू किया गया है। वहीं जब चारों धामों के पुराने ट्रैक की पूरी वैज्ञानिक रेकी हो जाएगी। तो यह प्रदेश के पर्यटन के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी।


Conclusion:वीओ-2, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के प्रधानाचार्य अमित बिष्ट ने बताया कि यह 10 सदस्यीय दल गंगोत्री से केदरानाथ के पुराने ट्रैक की रेकी करेगा। जो कि 7 से 8 दिन का अभियान होगा। बताया कि यमुनोत्री ट्रैक की रेकी चार दिन की थी। कहा कि इन ट्रैक के रेकी में जो छोटे छोटे ट्रैक हैं। उन्हें भी विकसित किया जाएगा। पहला मिशन यह है कि पौराणिक ट्रैक की पूरी तरह से रेकी हो जाये। उसके बाद ही अन्य चीजों पर ध्यान दिया जाएगा। बाईट- वी वी आरसी पुरुषोत्तम, गढ़वाल मंडल आयुक्त। बाईट- अमित बिष्ट,प्रधानाचार्य नेहरू पर्वतारोहण संस्थान।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.