उत्तरकाशी: भटवाड़ी विकासखंड के दूरस्थ सालू गांव, जहां आजादी से अब तक पेयजल लाइन ही नहीं पहुंची थी. लेकिन अब आजादी के 75 साल बाद पहली बार केंद्र सरकार की जल जीवन और जल मिशन के तहत 101 परिवारों को पानी मिल पाया है. सालू गांव के हर घर में अब नल है. ग्रामीण जल जीवन मिशन योजना के गांव में साकार होने पर बहुत खुश हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों बाद घर में नल देखने की हसरत पूरी हुई है.
उत्तरकाशी के भटवाड़ी विकासखंड का सालू गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से दूर आदम युग में जी रहा है. इस गांव में आज भी सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधा के लिए ग्रामीण तरस रहे थे. ग्राम प्रधान सालू गीता देवी का कहना है कि आजादी से अब तक ग्रामीणों को पानी जैसी मूलभूत सुविधा के लिए प्राकृतिक स्रोत पर निर्भर रहना पड़ता था. इसमें भी प्राकृतिक स्रोत से पानी भरने के लिए जंगली जानवरों का खतरा बना रहता था. गांव की महिलाओं को पानी भरने से लेकर कपड़े धोने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी. गीता देवी का कहना है कि पानी न होने के कारण ग्रामीणों को शाौच के लिए भी बाहर जाना पड़ता था. लेकिन केंद्र सरकार की जल जीवन-जल मिशन योजना के तहत हर घर नल जल की थीम उनके गांव के लिए एक सपने की तरह पूरी हुई है. आज इस योजना के तहत हर परिवार के पास अपना पानी है.
उत्तराखंड पेजयल निगम की अधिशासी अभियंता अनीशा जाटव और सहायक अभियंता प्रवीण राज ने बताया कि जल जीवन जल मिशन के तहत सालू गांव के लिए करीब एक करोड़ 30 लाख की लागत से 11 किमी लंबी पाइप लाइन का निर्माण किया गया. इसमें टैंकों का निर्माण भी किया गया. इस योजना के तहत गांव के 101 परिवारों को पानी दिया जा रहा है. प्रति परिवार को 55 लीटर पानी प्रतिदिन उपलब्ध करवाया गया है. केंद्र सरकार की बहुआयामी योजना से इस गांव को आजादी के बाद पहली बार पानी मिला है.
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