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सेब-राजमा के बाद हर्षिल घाटी में केसर दिखाएगा कमाल, किसान होंगे 'मालामाल'

हर्षिल घाटी अपने रसीले सेब और राजमा उत्पादन के लिए जानी जाती है. अब घाटी में केसर की खेती लहलहाएगी. उद्यान विभाग ने केसर की खेती को जिला योजना के तहत शामिल किया है.

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हर्षिल घाटी में केसर की खेती
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Published : Nov 12, 2020, 12:14 PM IST

Updated : Nov 12, 2020, 2:36 PM IST

उत्तरकाशीः हर्षिल घाटी सेब उत्पादन के साथ ही राजमा की खेती के लिए प्रसिद्ध है. अब जिला प्रशासन और उद्यान विभाग की ओर से हर्षिल घाटी के काश्तकारों की आय दोगुनी करने के लिए एक और नया कदम उठाया जा रहा है. जी हां, उद्यान विभाग 2020-21 की जिला योजना के तहत हर्षिल घाटी में जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर केसर की खेती शुरू करने जा रहा है. इसके लिए उद्यान विभाग ने तैयारियां भी करीब-करीब पूरी कर ली हैं.

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हर्षिल घाटी

जिला उद्यान अधिकारी प्रभाकर सिंह ने बताया कि हर्षिल घाटी में कुछ किसानों द्वारा जम्मू कश्मीर की तर्ज पर ट्रायल बेस पर केसर की खेती की जा रही है. ट्रायल बेस पर हर्षिल घाटी में 2 से 3 किसानों को केसर के बल्ब उपलब्ध करवाए गए थे, जिसके परिणाम सकारात्मक आए हैं. इन सफल परिणामों को देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर आगामी जिला योजना 2020-21 के तहत हर्षिल घाटी का चयन केसर की खेती के लिए किया गया है.

हर्षिल घाटी में होगी केसर की खेती.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के सेब को मिलने लगी अपनी पहचान, उद्यान विभाग मुहैया करा रहा कार्टन

उन्होंने बताया कि पहले चरण में हर्षिल घाटी में 50 नाली भूमि पर केसर का उत्पादन किया जाएगा. जिसके लिए किसानों को निशुल्क केसर के बल्ब उपलब्ध करवाए जाएंगे. अभी तक के परिणामों में हर्षिल घाटी में केसर की उच्च गुणवत्ता पाई गई है.

ये भी पढ़ेंः हर्षिल के विल्सन 'हूल सिंह' और कालू शिकारी का इतिहास संजोए हुए हैं बालम दास

जिला उद्यान अधिकारी प्रभाकर सिंह का कहना है कि 1 नाली भूमि में 8,000 बल्ब केसर का उत्पादन किया जाता है. साथ ही इसका बाजार मूल्य भी ₹100 प्रति ग्राम है. वहीं, केसर की खेती से हर्षिल घाटी के किसानों के लिए एक नया आयाम स्थापित होगा. क्योंकि, यह किसानों के लिए एक नया अनुभव होगा तो साथ ही इससे जिले के किसानों की आर्थिकी भी मजबूत होगी.

ये भी पढ़ेंः काश्तकारों की आय बढ़ाएगी कीवी, बागवानी को लेकर कवायद तेज

जिला प्रशासन और उद्यान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर यह योजना वृहद रूप लेती है तो इससे जिले के अन्य किसानों को भी जोड़ा जाएगा. क्योंकि, यह किसानों की आय के साथ ही राज्य की आय बढ़ाने का भी कारगर साधन है.

उत्तरकाशी है सेब बेल्ट

उत्तरकाशी में सेब की काफी पैदावार होती है.

यहां हर सीजन में सालाना 20 हजार मीट्रिक टन के करीब सेब उत्पादन होता है.

सेब की कीमत

बाजार में सेब 70 से 80 रुपए किलो बिक रहा है.

व्यापारी बागवानों से 30 से 40 रुपए किलो सेब खरीदते हैं.

उत्तरकाशी की राजमा भी है प्रसिद्ध

किसान राजमा 220 रुपए किलो बेचते हैं.

बाजार में उत्तरकाशी की राजमा 260 से 280 रुपए किलो बिकती है.

केसर की कीमत

1 ग्राम केसर की कीमत 100 रुपए है.

10 ग्राम केसर में किसान 1,000 रुपए कमा लेंगे.

उत्तरकाशीः हर्षिल घाटी सेब उत्पादन के साथ ही राजमा की खेती के लिए प्रसिद्ध है. अब जिला प्रशासन और उद्यान विभाग की ओर से हर्षिल घाटी के काश्तकारों की आय दोगुनी करने के लिए एक और नया कदम उठाया जा रहा है. जी हां, उद्यान विभाग 2020-21 की जिला योजना के तहत हर्षिल घाटी में जम्मू-कश्मीर की तर्ज पर केसर की खेती शुरू करने जा रहा है. इसके लिए उद्यान विभाग ने तैयारियां भी करीब-करीब पूरी कर ली हैं.

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हर्षिल घाटी

जिला उद्यान अधिकारी प्रभाकर सिंह ने बताया कि हर्षिल घाटी में कुछ किसानों द्वारा जम्मू कश्मीर की तर्ज पर ट्रायल बेस पर केसर की खेती की जा रही है. ट्रायल बेस पर हर्षिल घाटी में 2 से 3 किसानों को केसर के बल्ब उपलब्ध करवाए गए थे, जिसके परिणाम सकारात्मक आए हैं. इन सफल परिणामों को देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर आगामी जिला योजना 2020-21 के तहत हर्षिल घाटी का चयन केसर की खेती के लिए किया गया है.

हर्षिल घाटी में होगी केसर की खेती.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के सेब को मिलने लगी अपनी पहचान, उद्यान विभाग मुहैया करा रहा कार्टन

उन्होंने बताया कि पहले चरण में हर्षिल घाटी में 50 नाली भूमि पर केसर का उत्पादन किया जाएगा. जिसके लिए किसानों को निशुल्क केसर के बल्ब उपलब्ध करवाए जाएंगे. अभी तक के परिणामों में हर्षिल घाटी में केसर की उच्च गुणवत्ता पाई गई है.

ये भी पढ़ेंः हर्षिल के विल्सन 'हूल सिंह' और कालू शिकारी का इतिहास संजोए हुए हैं बालम दास

जिला उद्यान अधिकारी प्रभाकर सिंह का कहना है कि 1 नाली भूमि में 8,000 बल्ब केसर का उत्पादन किया जाता है. साथ ही इसका बाजार मूल्य भी ₹100 प्रति ग्राम है. वहीं, केसर की खेती से हर्षिल घाटी के किसानों के लिए एक नया आयाम स्थापित होगा. क्योंकि, यह किसानों के लिए एक नया अनुभव होगा तो साथ ही इससे जिले के किसानों की आर्थिकी भी मजबूत होगी.

ये भी पढ़ेंः काश्तकारों की आय बढ़ाएगी कीवी, बागवानी को लेकर कवायद तेज

जिला प्रशासन और उद्यान विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगर यह योजना वृहद रूप लेती है तो इससे जिले के अन्य किसानों को भी जोड़ा जाएगा. क्योंकि, यह किसानों की आय के साथ ही राज्य की आय बढ़ाने का भी कारगर साधन है.

उत्तरकाशी है सेब बेल्ट

उत्तरकाशी में सेब की काफी पैदावार होती है.

यहां हर सीजन में सालाना 20 हजार मीट्रिक टन के करीब सेब उत्पादन होता है.

सेब की कीमत

बाजार में सेब 70 से 80 रुपए किलो बिक रहा है.

व्यापारी बागवानों से 30 से 40 रुपए किलो सेब खरीदते हैं.

उत्तरकाशी की राजमा भी है प्रसिद्ध

किसान राजमा 220 रुपए किलो बेचते हैं.

बाजार में उत्तरकाशी की राजमा 260 से 280 रुपए किलो बिकती है.

केसर की कीमत

1 ग्राम केसर की कीमत 100 रुपए है.

10 ग्राम केसर में किसान 1,000 रुपए कमा लेंगे.

Last Updated : Nov 12, 2020, 2:36 PM IST
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