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गंगोत्री हाईवे के पास सड़क टूटी, घर छोड़कर किराए पर रहने को मजबूर लोग

गंगोत्री हाईवे पर बड़ेथी के समीप ऑल वेदर रोड बनाई गई थी. ये रोड दो माह भी नहीं टिक सकी. अब सड़क के नीचे बने मकानों को खतरा बना हुआ है. लोग अपने घर छोड़कर किराए पर रहने को मजबूर हैं.

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Published : Sep 22, 2021, 1:30 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 2:40 PM IST

गंगोत्री हाईवे
गंगोत्री हाईवे

उत्तरकाशी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डीम प्रोजेक्ट चारधाम परियोजना के तहत ऑल वेदर रोड में लगातार गिर रही दीवारें और धंसती सड़कें स्थानीय लोगों के लिए जानलेवा बन रही हैं. पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में संबंधित विभागीय अधिकारियों, कार्यदायी संस्था और जिला प्रशासन की हीलाहवाली के चलते अब आम लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है.

गंगोत्री हाईवे पर बड़ेथी के समीप ऑल वेदर रोड की सड़क दो माह भी नहीं चल पाई. जुलाई माह की बरसात में सड़क टूट गई. इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके बावजूद भी संबंधित विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिसका नुकसान यह हुआ कि 28 जुलाई को सड़क का करीब 20 मीटर हिस्सा धंसने के कारण नौटियाल परिवार के 6 लोगों ने भागकर जान बचाई. वहीं एक बड़ेथी निवासी उनियाल परिवार वहां किराए पर रहता था उसे मकान भी छोड़ना पड़ा.

गंगोत्री हाईवे के पास सड़क टूटी.

बता दें कि, मई माह में एनएचएआईडीसीएल की ओर से बड़ेथी में ऑल वेदर रोड के तहत सड़क का चौड़ीकरण किया गया. गंगोत्री हाईवे मार्ग पर दो माह में ही मोटी-मोटी दरारें पड़ने के कारण कई परिवारों को खतरा बना हुआ था. जिसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार जिला प्रशासन सहित संबंधित विभाग को अवगत करवाया. लेकिन हाईवे की दरारों को मिट्टी से पाट दिया गया.

बड़ेथी निवासी शोभा उनियाल ने बताया कि अपने जीवन की सभी पूंजी लगाकर एक मकान बनाया. उस पर भी मलबा आ गिरा. आज 2 माह तक जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई. मकान के ऊपर हाईवे का मलबा गिरने के कारण उन्होंने किराए पर मकान लिया और अपने घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा. एक माह तक वह अपने घर नहीं आए और अब आए हैं तो जिस दिन बारिश होती है वह उस दिन फिर सुरक्षा के लिए किराए के मकान में चले जाते हैं. लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है.

पढ़ें: महंगाई ने तोड़ी पर्यटन कारोबार की कमर, पेट्रोल-डीजल ने बिगाड़ा वाहनों का बजट

बड़ेथी निवासी ममता रतूड़ी का कहना है कि हाईवे का पुश्ता टूटने से ग्रामीणों को खतरा बना हुआ है. पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं. जो खुले थे उन पर मलबा फेंक दिया है. लेकिन जिला प्रशासन आज तक सुध लेने नहीं आया कि अभी भी टूट रहे गंगोत्री हाईवे से खतरा बना हुआ है. ट्रीटमेंट की बजाय दरारों को मिट्टी और बजरी से भरा गया है.

उत्तरकाशी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डीम प्रोजेक्ट चारधाम परियोजना के तहत ऑल वेदर रोड में लगातार गिर रही दीवारें और धंसती सड़कें स्थानीय लोगों के लिए जानलेवा बन रही हैं. पीएम के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में संबंधित विभागीय अधिकारियों, कार्यदायी संस्था और जिला प्रशासन की हीलाहवाली के चलते अब आम लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है.

गंगोत्री हाईवे पर बड़ेथी के समीप ऑल वेदर रोड की सड़क दो माह भी नहीं चल पाई. जुलाई माह की बरसात में सड़क टूट गई. इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इसके बावजूद भी संबंधित विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की. जिसका नुकसान यह हुआ कि 28 जुलाई को सड़क का करीब 20 मीटर हिस्सा धंसने के कारण नौटियाल परिवार के 6 लोगों ने भागकर जान बचाई. वहीं एक बड़ेथी निवासी उनियाल परिवार वहां किराए पर रहता था उसे मकान भी छोड़ना पड़ा.

गंगोत्री हाईवे के पास सड़क टूटी.

बता दें कि, मई माह में एनएचएआईडीसीएल की ओर से बड़ेथी में ऑल वेदर रोड के तहत सड़क का चौड़ीकरण किया गया. गंगोत्री हाईवे मार्ग पर दो माह में ही मोटी-मोटी दरारें पड़ने के कारण कई परिवारों को खतरा बना हुआ था. जिसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार जिला प्रशासन सहित संबंधित विभाग को अवगत करवाया. लेकिन हाईवे की दरारों को मिट्टी से पाट दिया गया.

बड़ेथी निवासी शोभा उनियाल ने बताया कि अपने जीवन की सभी पूंजी लगाकर एक मकान बनाया. उस पर भी मलबा आ गिरा. आज 2 माह तक जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई. मकान के ऊपर हाईवे का मलबा गिरने के कारण उन्होंने किराए पर मकान लिया और अपने घर छोड़ने को मजबूर होना पड़ा. एक माह तक वह अपने घर नहीं आए और अब आए हैं तो जिस दिन बारिश होती है वह उस दिन फिर सुरक्षा के लिए किराए के मकान में चले जाते हैं. लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है.

पढ़ें: महंगाई ने तोड़ी पर्यटन कारोबार की कमर, पेट्रोल-डीजल ने बिगाड़ा वाहनों का बजट

बड़ेथी निवासी ममता रतूड़ी का कहना है कि हाईवे का पुश्ता टूटने से ग्रामीणों को खतरा बना हुआ है. पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं. जो खुले थे उन पर मलबा फेंक दिया है. लेकिन जिला प्रशासन आज तक सुध लेने नहीं आया कि अभी भी टूट रहे गंगोत्री हाईवे से खतरा बना हुआ है. ट्रीटमेंट की बजाय दरारों को मिट्टी और बजरी से भरा गया है.

Last Updated : Sep 22, 2021, 2:40 PM IST
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