उत्तरकाशी: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान होने के बाद से ही प्रदेश में आचार संहिता लागू है. वहीं, आचार संहिता नियमों को लेकर चुनाव आयोग और जिला निर्वाचन अधिकारी पैनी नजर रखे हुए हैं. इसी क्रम में रिटर्निंग अधिकारी ने कांग्रेस जिलाध्यक्ष और प्रदेश उपाध्यक्ष को सार्वजनिक भवन में बिना अनुमति के चुनाव प्रचार मीटिंग करने और पूर्व विधायक स्व. गोपाल रावत की पत्नी शांति रावत को सोशल मीडिया पर बिना अनुमति वीडियो सॉंग डालने पर कारण बताओ नोटिस जारी 48 घंटे के भीतर जवाब मांगा है.
रिटर्निंग अधिकारी और एसडीएम भटवाड़ी चत्तर सिंह चौहान ने कहा बीते मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष विजयपाल सजवाण और जिलाध्यक्ष जगमोहन सिंह रावत गंगोत्री विधानसभा के तहत हिटाणु गांव में एक सार्वजनिक भवन में चुनाव प्रचार बैठक आयोजित कर रहे थे. जिस पर RO की और से सेक्टर मजिस्ट्रेट से मामले की जांच के निर्देश दिए गए.
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जांच में प्रथम दृष्ट्या पाया गया कि वह नियमों के विरुद्ध बैठक आयोजित कर रहे थे. सार्वजनिक भवन में बैठक के लिए कांग्रेस की और से कोई अनुमति नहीं ली गई थी. इसके साथ ही पूर्व विधायक स्व. गोपाल रावत की पत्नी शांति रावत ने भी सोशल मीडिया पर एक विडियो सांग वायरल किया, जो करीब 7 से 8 मिनट का है. जिसके लिए शांति रावत की और से जिला मीडिया प्रमाणन एवं अनुवीक्षण समिति (एमसीएमसी) से प्रमाणन नहीं करवाया गया.
दोनों मामलों की गम्भीरता को देखते हुए दोनों पक्षों में RO चत्तर सिंह चौहान ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. 48 घंटे के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा है. उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.