उत्तरकाशी: अपने स्वाद और गुण के लिए प्रसिद्ध हर्षिल की राजमा इस साल आम आदमी की पहुंच से दूर है. कम उत्पादन से इसकी कीमत में उछाल देखने को मिल रहा है. हर्षिल घाटी में ही राजमा 300 रुपए प्रति किलो तक बिक रही है. बाजार में इसकी कीमत 320 से 350 रुपए प्रति किलो है. पिछले साल यह कीमत 250 से 280 तक थी.
रसीले सेबों के साथ हर्षिल घाटी राजमा के लिए पहचान रखती है. यहां प्रतिवर्ष सेब के साथ राजमा का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है. इस साल बारिश के चलते यहां सेब के साथ राजमा की फसल पर भी बुरा प्रभाव पड़ा. यही वजह है कि इस बार यहां राजमा का उत्पादन गिरने से इसकी कीमत काफी बढ़ी हुई है. हर्षिल घाटी की ही बात करें तो यहां राजमा 300 से 315 रुपए प्रति किलो तक बिक रही है, जबकि पिछले साल यहां इसकी कीमत 250 रुपए प्रति किलो तक थी. बाजार में इस बार राजमा की कीमत 320 से 350 रुपए प्रति किलो तक है. पिछले साल यह 280 रुपए प्रति किलो तक थी.
घाटी के काश्तकार विद्या सिंह नेगी व मोहन सिंह राणा ने बताया कि इस बार सेब के साथ राजमा की फसल भी बारिश ज्यादा होने से खराब हुई. जब राजमा की फसल पर फूल व फलियां आने का समय था, उस समय भारी बारिश हुई जिससे फसल खराब हो गई. उन्होंने बताया इस साल 100 क्विंटल से भी कम उत्पादन हुआ है, जबकि कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार सामान्य रूप से यहां 5 हजार क्विंटल तक उत्पादन होता है.
बेमौसमी बारिश के साथ कीड़ा लगने से हर्षिल क्षेत्र में राजमा की फसल पर बुरा प्रभाव पड़ा. इस कारण उत्पादन 20 से 22 प्रतिशत तक गिरा है. जिसके कारण कीमतों में उछाल देखा जा रहा है.
जेपी तिवारी, मुख्य कृषि अधिकारी,उत्तरकाशी
यह है हर्षिल की राजमा की खासियत: हर्षिल की राजमा जल्दी पककर तैयार होती है. यह कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले फाइबर और वसा मुक्त क्वालिटी प्रोटीन का अच्छा स्रोत है. इसका फाइबर कंटेंट भोजन के बाद ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ने से रोकता है. इसका स्वाद अन्य क्षेत्रों की राजमा से बहुत अलग होता है.
इन गांवों में होता है उत्पादन: उपला टकनौर क्षेत्र के धराली, सुक्की, मुखबा, झाला, जसपुर व पुराली आदि गांवों में राजमा का उत्पादन होता है.