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साड़ा पुल को एबेटमेंट के साथ ही उखाड़ ले गया सैलाब, विभाग ने 10 दिन में आवाजाही शुरू करने का किया दावा

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने उत्तरकाशी-लम्बगांव मोटर मार्ग पर साड़ा पुल से 10 दिन के भीतर आवाजाही खोलने का दावा किया है.

uttarkashi disaster
साड़ा पुल
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Published : Jul 19, 2021, 8:52 PM IST

Updated : Jul 19, 2021, 10:57 PM IST

उत्तरकाशीः कुरोली और कंकराड़ी के बीच बहने वाले गदेरे ने ऐसी तबाही मचाई जिसे देख हर कोई सिहर गया. अमूमन शांत माने जाने वाले कंकराड़ी गदेरे के सैलाब के आगे न तो मकान टिके और न ही पुल. इस गदेरे में पानी के वेग का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उत्तरकाशी-लम्बगांव मोटर मार्ग पर बने पुल को यह एबेटमेंट के साथ ही उखाड़कर बहा ले गया. पुल के एबटमेंट के हिस्से गदेरे से करीब 30 मीटर पर दूरी पर पड़े दिखे.

जानकारी के मुताबिक, कंकराड़ी से गदेरा तबाही मचाता हुआ साड़ा के पास उत्तरकाशी-लम्बगांव मोटर मार्ग पर पहुंचा. जहां करीब 10 मीटर लंबे पुल को अपने तेज वेग के साथ बहाकर ले गया. स्थानीय लोगों की मानें तो पानी के वेग के साथ पुल एबटमेंट समेत इतनी तेजी से बहा कि पुल का एक एबटमेंट सीधा सड़क के नीचे मकान के पास जा पहुंचा. जिसकी आवाज सुन घर में मौजूद 4 लोगों ने भागकर जान बचाई.

साड़ा पुल को एबेटमेंट के साथ ही उखाड़ ले गया सैलाब

ये भी पढ़ेंः भारी बारिश से उत्तरकाशी-लम्बगांव सड़क पर बना पुल बहा, कई गांवों का टूटा संपर्क

वहीं, सोमवार को लोक निर्माण विभाग भटवाड़ी के अधिकारी घटना स्थल का जायजा लेने पहुंचे. जहां उन्होंने उत्तरकाशी-लम्बगांव मोटर मार्ग पर पुल की जगह बने बड़ी खाई का निरीक्षण किया. लोनिवि के अधिशासी अभियंता आरएस खत्री ने कहा कि पानी के तेज वेग में 10 मीटर लंबा पुल बहा है. मौसम साफ होने और पानी का बहाव कम होते ही वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः तीन जिलों में रेड अलर्ट, उत्तरकाशी के लिए सड़क मार्ग से रेस्क्यू टीम रवाना, कैसे वक्त से पहुंचेगी राहत?

खत्री ने बताया कि 10 दिन के भीतर उत्तरकाशी-लम्बगांव मोटर मार्ग पर आवाजाही शुरू करवाई जाएगी. बता दें कि उत्तरकाशी-लम्बगांव मोटर मार्ग बाड़ागड्डी समेत धौंतरी उप तहसील के दर्जनों गांव और टिहरी के प्रतापनगर क्षेत्र को उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से जोड़ता है. साथ ही यह गंगोत्री धाम को केदारनाथ यात्रा रूट से भी जोड़ता है. वहीं, पुल के बहने से अब धौंतरी और बाड़ागड्डी के गांव कब जिला मुख्यालय से जुड़ पाएगा, इसका अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है.

ये भी पढ़ेंः जाकौ राखे साइयां मार सके न कोय: 75 साल के गैणा सिंह सलामत, ढाई घंटे मलबे में दबे रहे

गौर हो कि रविवार रात को मांडो, निराकोट और कंकराड़ी में जल प्रलय ने जमकर तबाही मचाई. इस प्रलय ने तीन लोगों की जिंदगी लील ली. जबकि, कई घर क्षतिग्रस्त हो गए. साथ ही खेत और सड़कें बह गई. घटना के बाद सोमवार को डीएम मयूर दीक्षित और एसपी मणिकांन्त मिश्रा में आपदा प्रभावित मांडो गांव में पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया.

उत्तरकाशीः कुरोली और कंकराड़ी के बीच बहने वाले गदेरे ने ऐसी तबाही मचाई जिसे देख हर कोई सिहर गया. अमूमन शांत माने जाने वाले कंकराड़ी गदेरे के सैलाब के आगे न तो मकान टिके और न ही पुल. इस गदेरे में पानी के वेग का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उत्तरकाशी-लम्बगांव मोटर मार्ग पर बने पुल को यह एबेटमेंट के साथ ही उखाड़कर बहा ले गया. पुल के एबटमेंट के हिस्से गदेरे से करीब 30 मीटर पर दूरी पर पड़े दिखे.

जानकारी के मुताबिक, कंकराड़ी से गदेरा तबाही मचाता हुआ साड़ा के पास उत्तरकाशी-लम्बगांव मोटर मार्ग पर पहुंचा. जहां करीब 10 मीटर लंबे पुल को अपने तेज वेग के साथ बहाकर ले गया. स्थानीय लोगों की मानें तो पानी के वेग के साथ पुल एबटमेंट समेत इतनी तेजी से बहा कि पुल का एक एबटमेंट सीधा सड़क के नीचे मकान के पास जा पहुंचा. जिसकी आवाज सुन घर में मौजूद 4 लोगों ने भागकर जान बचाई.

साड़ा पुल को एबेटमेंट के साथ ही उखाड़ ले गया सैलाब

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वहीं, सोमवार को लोक निर्माण विभाग भटवाड़ी के अधिकारी घटना स्थल का जायजा लेने पहुंचे. जहां उन्होंने उत्तरकाशी-लम्बगांव मोटर मार्ग पर पुल की जगह बने बड़ी खाई का निरीक्षण किया. लोनिवि के अधिशासी अभियंता आरएस खत्री ने कहा कि पानी के तेज वेग में 10 मीटर लंबा पुल बहा है. मौसम साफ होने और पानी का बहाव कम होते ही वैकल्पिक मार्ग तैयार किया जाएगा.

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खत्री ने बताया कि 10 दिन के भीतर उत्तरकाशी-लम्बगांव मोटर मार्ग पर आवाजाही शुरू करवाई जाएगी. बता दें कि उत्तरकाशी-लम्बगांव मोटर मार्ग बाड़ागड्डी समेत धौंतरी उप तहसील के दर्जनों गांव और टिहरी के प्रतापनगर क्षेत्र को उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से जोड़ता है. साथ ही यह गंगोत्री धाम को केदारनाथ यात्रा रूट से भी जोड़ता है. वहीं, पुल के बहने से अब धौंतरी और बाड़ागड्डी के गांव कब जिला मुख्यालय से जुड़ पाएगा, इसका अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है.

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गौर हो कि रविवार रात को मांडो, निराकोट और कंकराड़ी में जल प्रलय ने जमकर तबाही मचाई. इस प्रलय ने तीन लोगों की जिंदगी लील ली. जबकि, कई घर क्षतिग्रस्त हो गए. साथ ही खेत और सड़कें बह गई. घटना के बाद सोमवार को डीएम मयूर दीक्षित और एसपी मणिकांन्त मिश्रा में आपदा प्रभावित मांडो गांव में पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया.

Last Updated : Jul 19, 2021, 10:57 PM IST
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