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गंगोत्री धाम: देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के खिलाफ क्रमिक अनशन पर बैठे पुरोहित

पुरोहितों ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर अपना फैसला वापस नहीं लेती है तक तक आंदोलन जारी रहेगा. गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने कहा कि शुरू से ही चारों धामों के पुरोहित देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के खिलाफ विरोध प्रर्दशन कर रहे हैं.

गंगोत्री धाम
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Published : Jun 25, 2020, 5:37 PM IST

उत्तरकाशी: गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने गुरुवार को मंदिर प्रांगण में देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के खिलाफ क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है. गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने कहा कि शुरू से ही चारों धामों के पुरोहित देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के खिलाफ विरोध प्रर्दशन कर रहे हैं.

देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के खिलाफ क्रमिक अनशन पर बैठे पुरोहित.

गंगोत्री मंदिर धाम समिति के उपाध्यक्ष अरुण सेमवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार पुरोहितों के हक- हकूकों पर जबरन देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के नियमों को थोप रही है. जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जब तक देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड कानून नहीं हटाया जाएगा, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी.

पढ़ें- कर्मचारियों के वेतन कटौती का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, सरकार से मांगा जवाब

गंगोत्री धाम के पुरोहितों पहले भी देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर जिला मुख्यालय से लेकर राजधानी तक विरोध दर्ज करा चुके हैं. साथ ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के खिलाफ पुरोहितों की तरफ से कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिस पर सुनवाई जारी है.

अरुण सेमवाल ने देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को काला कानून कहा है. उन्होंने कहा कि जबतक सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती है तब तक गंगोत्री धाम में क्रमिक अनशन जारी रहेगा.

इस बारे में गंगोत्री विधायक और देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के सदस्य गोपाल रावत ने कहा कि इस कानून में पुरोहितों के हक-हकूकों पर कोई खतरा नहीं है. सभी प्रकार की पूजा की व्यवस्थाएं उनके पास रहेगी. प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा को दुरुस्त बनाने के लिए यह बोर्ड बनाया है. इसके कर्मचारियों की भी सैलेरी दी जाएगी.

उत्तरकाशी: गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने गुरुवार को मंदिर प्रांगण में देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के खिलाफ क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है. गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने कहा कि शुरू से ही चारों धामों के पुरोहित देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के खिलाफ विरोध प्रर्दशन कर रहे हैं.

देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के खिलाफ क्रमिक अनशन पर बैठे पुरोहित.

गंगोत्री मंदिर धाम समिति के उपाध्यक्ष अरुण सेमवाल ने कहा कि प्रदेश सरकार पुरोहितों के हक- हकूकों पर जबरन देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के नियमों को थोप रही है. जिसे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जब तक देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड कानून नहीं हटाया जाएगा, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी.

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गंगोत्री धाम के पुरोहितों पहले भी देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को लेकर जिला मुख्यालय से लेकर राजधानी तक विरोध दर्ज करा चुके हैं. साथ ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के खिलाफ पुरोहितों की तरफ से कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिस पर सुनवाई जारी है.

अरुण सेमवाल ने देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को काला कानून कहा है. उन्होंने कहा कि जबतक सरकार अपना फैसला वापस नहीं लेती है तब तक गंगोत्री धाम में क्रमिक अनशन जारी रहेगा.

इस बारे में गंगोत्री विधायक और देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के सदस्य गोपाल रावत ने कहा कि इस कानून में पुरोहितों के हक-हकूकों पर कोई खतरा नहीं है. सभी प्रकार की पूजा की व्यवस्थाएं उनके पास रहेगी. प्रदेश सरकार ने चारधाम यात्रा को दुरुस्त बनाने के लिए यह बोर्ड बनाया है. इसके कर्मचारियों की भी सैलेरी दी जाएगी.

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