उत्तरकाशी: गंगोत्री धाम के पुरोहितों का देवास्थानम प्रबधंन बोर्ड के खिलाफ लगातार विरोध जारी है. शनिवार को गंगोत्री धाम के पुरोहितों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और गंगा किनारे पिंडदान किया. पुरोहितों का कहना है कि जिस सरकार ने उनके हक-हकूक छीनने की कोशिश की है. ऐसे में उनके लिए राज्य सरकार का कोई वजूद नहीं है. इसलिए गंगोत्री धाम में पुरोहित प्रदेश सरकार का पिंडदान कर रहे हैं.
पुरोहितों ने गंगोत्री धाम में गंगा घाट पर श्राद्ध पूजा का आयोजन कर प्रदेश की भाजपा सरकार का पिंडदान किया. पुरोहितों का कहना है कि गंगोत्री धाम में प्रदेश सरकार का पिंडदान हो गया है. अब गंगोत्री धाम के पुरोहितों का सरकार से कोई मतलब नहीं है और स्थानीय पुरोहित देवस्थानम बोर्ड को नहीं मानेंगे. गंगोत्री धाम के पुरोहितों का कहना है कि पुरोहित समाज और सनातन धर्म के साथ खिलवाड़ करने वाली सरकार का कभी भी भला नहीं होगा.
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27 नवंबर 2019 को बना चारधाम देवस्थानम बोर्ड
उत्तराखंड कैबिनेट ने 27 नवंबर, 2019 को चारधाम श्राइन बोर्ड के गठन को मंजूरी दी थी. लेकिन चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों ने इसका विरोध किया था. विपक्ष ने भी तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों का साथ दिया था. हालांकि इसके बाद भी अपने बहुमत के दम पर सरकार ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड विधेयक पास करा लिया था. राज्यपाल की अनुमति के बाद यह कानून बन गया था.