उत्तरकाशी: प्रदेश में चारधाम यात्रा में किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. इस बार गंगोत्री, यमुनोत्री धाम क्षेत्र में जमकर बर्फबारी हुई. बर्फ अधिक होने के कारण यमुनोत्री पैदल मार्ग पर बर्फबारी से हुए नुकसान का आकलन नहीं किया जा सका है. बर्फ पिघलने के बाद ही यमुनोत्री धाम क्षेत्र सहित पैदल मार्ग पर यात्रा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की कार्रवाई शुरू हो पाएगी, हालांकि लोनिवि के कर्मचारी धाम के पैदल यात्रा मार्ग पर पड़ी बर्फ को हटाने में लगे हैं.
तीन मई को अक्षय तृतीय के पावन पर्व पर विधिवत पूजा-अर्चना के साथ गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट देश भर के श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जायेंगे. इसी दिन से प्रदेश में चारधाम यात्रा का भी विधिवत आगाज हो जायेगा. यात्रा के लिए अभी दो माह का समय शेष है, लेकिन दोनों धामों की यात्रा के दौरान किसी भी तीर्थ यात्री को पेयजल, सड़क, स्वास्थ्य व संचार जैसी मूलभूत समस्याओं से जूझना न पड़े, इसके लिए प्रशासन ने कमर कस ली है. वर्तमान समय में यात्रा मार्गों को दुरुस्त किया जा रहा है.
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यमुनोत्री व गंगोत्री धाम क्षेत्र से जुड़े व्यवसायी अपने-अपने व्यवसाय को स्थापित करने में जुट गए हैं. व्यापारियों को उम्मीद है कि वह बीते दो साल में हुए नुकसान की कुछ हद तक भरपाई कर पाएंगे. यमुनोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश उनियाल ने कहा है कि यमुनोत्री धाम के पैदल यात्रा मार्ग पर अभी काफी बर्फ है. लोनिवि के कर्मचारी बर्फ हटाने में लगे हैं. रास्ता खुलने के बाद ही क्षेत्र में हुए नुकसान का जायजा लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यमुनोत्री धाम में बर्फबारी से जो भी नुकसान हुआ है, उसे यात्रा शुरू होने से पहले ही ठीक कर दिया जाएगा.
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वहींं, दूसरी ओर होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र मटूड़ा ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दो वर्ष बीतने के बाद इस बार बेहतर कारोबार की उम्मीद है. अभी तक अधिकांश होटलों में 80 प्रतिशत बुकिंग हो चुकी है. होटल व्यवसायी प्रतिष्ठानों में रंग रोगन के साथ ही रिपेयरिंग कार्य में जुट गए हैं.