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उत्तरकाशी में 'मंगसीर बग्वाल' की तैयारियां शुरू, इस बार 'रोशन' होंगे 101 गांव

3-4 दिसंबर को उत्तरकाशी जनपद के करीब 101 गांवों में मंगसीर बग्वाल मनाई जाएगी. इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं.अनघा माउंटेन एसोसिएशन इसके संरक्षण के लिए सालों से काम कर रहा है.

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उत्तरकाशी में 'मंगसीर बग्वाल' की तैयारियां शुरू
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Published : Nov 26, 2021, 7:29 PM IST

उत्तरकाशी: कार्तिक(नवंबर) माह की दीपावाली के ठीक एक माह बाद उत्तरकाशी जनपद में मंगसीर की बग्वाल( Mangseer Bagwal) का आयोजन किया जाता है. मंगसीर की बग्वाल( Mangseer Bagwal) इस साल 18 और 19 गते मंगसीर (3-4 दिसंबर) को जनपद के करीब 101 गांवों में मनाई जाएगी. अनघा माउंटेन एसोसिएशन पिछले 14 सालों से जनपद मुख्यालय में मंगसीर का बग्वाल( Mangseer Bagwal) का आयोजन कर रही है. पिछले साल एसोसिएशन के प्रयास से करीब 25 गांव में बग्वाल मनाई गई. जिसमें से कई गांवों में 35 से 40 साल के बाद यह परंपरा फिर से शुरू हुई.

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पुरानी पंरपरा का हो रहा संरक्षण.

अनघा माउंटेन एसोसिएशन के संयोजक अजय पुरी ने बताया कि गढ़वाल के वीर भड़ माधो सिंह भंडारी के तिब्बत पर विजय की खुशी में मंगसीर की बग्वाल मनाई जाती है. कहीं सूचना जल्दी मिली थी, तो कहीं, उस आधार पर बग्वाल का अलग-अलग आयोजन होता है.

उत्तरकाशी में 'मंगसीर बग्वाल' की तैयारियां शुरू

उत्तरकाशी (तत्कालीन टिहरी रियासत) में सूचना एक महीने बाद मिली थी. पुरी ने बताया कि पिछले 14 वर्षों से मंगसीर बग्वाल के संरक्षण के लिए कार्ये किये जा रहे हैं. इसके लिए जनपद मुख्यालय सहित कई बड़े शहरों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

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3-4 दिसंबर को मनाई जाएगी मंगसीर की बग्वाल

पढ़ें- पीएम मोदी का उत्तराखंड दौरा तय, चार दिसंबर को देहरादून में करेंगे जनसभा को संबोधित

इस वर्ष अनघा माउंटेन एसोसिएशन की ओर से जनपद मुख्यालय और उसके साथ ही 101 गांवों में मंगसीर बग्वाल मनाने का आह्वान किया गया है. साथ ही बग्वाल में भेलौ सहित पारम्परिक खेलों और पाडंव नृत्य का भी आयोजन किया जाएगा. साथ ही कई गांवों में यह परम्परा एक बार फिर वर्षों बाद शुरू की जाएगी.

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इस बार 'रोशन' होंगे 101 गांव

पढ़ें- किशोर उपाध्याय बोले- महिलाओं को दिया जाए प्रदेश का नेतृत्व, सशक्त इतिहास से कराया रूबरू

अजय पुरी बताते हैं कि मंगसीर के माह में पहाड़ों में खेती का कार्य सम्पन्न हो जाता है, इसलिए ग्रामीण मंगसीर के महीने में विभिन्न पारंपरिक त्योहारों का आयोजन करते हैं.

उत्तरकाशी: कार्तिक(नवंबर) माह की दीपावाली के ठीक एक माह बाद उत्तरकाशी जनपद में मंगसीर की बग्वाल( Mangseer Bagwal) का आयोजन किया जाता है. मंगसीर की बग्वाल( Mangseer Bagwal) इस साल 18 और 19 गते मंगसीर (3-4 दिसंबर) को जनपद के करीब 101 गांवों में मनाई जाएगी. अनघा माउंटेन एसोसिएशन पिछले 14 सालों से जनपद मुख्यालय में मंगसीर का बग्वाल( Mangseer Bagwal) का आयोजन कर रही है. पिछले साल एसोसिएशन के प्रयास से करीब 25 गांव में बग्वाल मनाई गई. जिसमें से कई गांवों में 35 से 40 साल के बाद यह परंपरा फिर से शुरू हुई.

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पुरानी पंरपरा का हो रहा संरक्षण.

अनघा माउंटेन एसोसिएशन के संयोजक अजय पुरी ने बताया कि गढ़वाल के वीर भड़ माधो सिंह भंडारी के तिब्बत पर विजय की खुशी में मंगसीर की बग्वाल मनाई जाती है. कहीं सूचना जल्दी मिली थी, तो कहीं, उस आधार पर बग्वाल का अलग-अलग आयोजन होता है.

उत्तरकाशी में 'मंगसीर बग्वाल' की तैयारियां शुरू

उत्तरकाशी (तत्कालीन टिहरी रियासत) में सूचना एक महीने बाद मिली थी. पुरी ने बताया कि पिछले 14 वर्षों से मंगसीर बग्वाल के संरक्षण के लिए कार्ये किये जा रहे हैं. इसके लिए जनपद मुख्यालय सहित कई बड़े शहरों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.

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3-4 दिसंबर को मनाई जाएगी मंगसीर की बग्वाल

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इस वर्ष अनघा माउंटेन एसोसिएशन की ओर से जनपद मुख्यालय और उसके साथ ही 101 गांवों में मंगसीर बग्वाल मनाने का आह्वान किया गया है. साथ ही बग्वाल में भेलौ सहित पारम्परिक खेलों और पाडंव नृत्य का भी आयोजन किया जाएगा. साथ ही कई गांवों में यह परम्परा एक बार फिर वर्षों बाद शुरू की जाएगी.

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इस बार 'रोशन' होंगे 101 गांव

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अजय पुरी बताते हैं कि मंगसीर के माह में पहाड़ों में खेती का कार्य सम्पन्न हो जाता है, इसलिए ग्रामीण मंगसीर के महीने में विभिन्न पारंपरिक त्योहारों का आयोजन करते हैं.

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