उत्तरकाशी: पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने के प्रदेश सरकार लाख दावे कर ले, लेकिन पहाड़ के अस्पतालों से रेफर मरीजों की रास्ते में मौत इस बात को बयां रही है कि अभी भी पहाड़ों में स्वास्थ्य सिस्टम दम तोड़ रहा है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है उत्तरकाशी जिले में.
बीती शुक्रवार रात जिला अस्पताल से हायर सेंटर रेफर स्याबा गांव निवासी एक बीमार गर्भवती ने डुंडा के समीप दम तोड़ दिया. वहीं गर्भवती के गर्भ में पल रही जिंदगी ने भी दुनिया में आने से पहले ही दम तोड़ दिया. शनिवार दिन में उसका अंतिम संस्कार किया गया.
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जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. सुबेग सिंह ने बताया कि बीती 8 सितंबर को स्याबा गांव निवासी सुमना देवी उम्र 25 वर्ष को परिजनों ने बुखार की शिकायत पर जिला अस्पताल में भर्ती करवाया था. डॉ. सिंह ने बताया कि महिला को लंग्स में परेशानी होने के चलते और 9 माह के गर्भ को देखते हुए 9 सितम्बर को ही रेफर कर दिया गया था, लेकिन परिजनों ने जिला अस्पताल में ही बीमार गर्भवती महिला को एडमिट रखा.
बीती शुक्रवार रात बीमार गर्भवती सुमना देवी को लेकर परिजन हायर सेंटर के लिए रवाना हुए, लेकिन जनपद मुख्यालय से महज 15 किमी दूरी पर डुंडा पहुंचते ही महिला ने दम तोड़ दिया. साथ ही गर्भ में पल रही 9 माह की जिंदगी की भी मौत हो गई, जिसके बाद परिजन शव को वापस जिला अस्पताल ले आए, जहां से शनिवार दिन में मृतका का अंतिम संस्कार किया गया.