उत्तरकाशीः यमुनोत्री धाम में मुख्य मंदिर के पास नाले का पानी पैदल मार्ग पर बह रहा है, लेकिन संबंधित विभाग इसकी सुध लेने को तैयार नहीं है. जिसके चलते पैदल मार्ग पर फिसलन बढ़ गई है. जिससे दुर्घटना का भी खतरा बना हुआ है. तीर्थ पुरोहितों ने पैदल मार्ग पर बह रहे पानी की निकासी के लिए ठोस इंतजाम करने की मांग की है.
बता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा चल रही है. जिसमें यमुनोत्री धाम पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को जानकीचट्टी से करीब 6 किमी पैदल चलना पड़ता है, लेकिन पैदल मार्ग पर जगह-जगह गंदगी और पानी की निकासी न होने से आवाजाही जोखिम भरा हो गया है. इतना ही नहीं जानकीचट्टी से घोड़ा पड़ाव तक दलदल और कीचड़ भरा है. मार्ग पर घोड़े खच्चरों की लीद से यात्री परेशान हैं.
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वहीं, घोड़ा पड़ाव के बाद यमुनोत्री मंदिर के प्रवेश द्वार तक पैदल मार्ग पर बरसाती नालों का पानी बह रहा है. जिसके चलते पैदल आवाजाही करना दूभर हो गया है और फिसलन होने के कारण दुर्घटना का खतरा बना हुआ है. स्थानीय लोगों ने पैदल मार्ग पर पानी की निकासी की उचित व्यवस्था करने की मांग की है.
इनदिनों बारिश भी हो रही है. जिसके चलते यमुनोत्री पैदल मार्ग पर जगह-जगह बड़े-बड़े बोल्डर गिर रहे हैं. कुछ श्रद्धालु अपनी जान जोखिम में डालकर मलबे और बोल्डरों के ऊपर से आवाजाही कर रहे हैं. हालांकि, पैदल मार्ग पर पुलिस और पीआरडी के जवान तैनात हैं. जो तीर्थ यात्रियों की सुरक्षित आवाजाही करा रहे हैं. वहीं, तीर्थ पुरोहितों ने जिला प्रशासन से जल्द ही मार्ग सुरक्षित बनाने की मांग की है.