उत्तरकाशी: मानसून सीजन में पहाड़ों में स्कूल जाने के लिए छात्रों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर नदी नाले पार कर रहे हैं. जो हादसों को दावत दे रहा है. वहीं कुछ ऐसी ही डरावनी तस्वीर उत्तरकाशी के कफोल नकोडा के तिलाड़ी खड्ड से सामने आई है, जहां बच्चे जान जोखिम में डालकर उफनते गदेरे में बने वैकल्पिक पुलिया को पार कर रहे हैं.
गौर हो कि उत्तरकाशी के कफोल नकोडा के बीच तिलाड़ी खड्ड में बना वैकल्पिक पुलिया को स्कूली बच्चे और स्थानीय लोग जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं. बता दें कि लोग लंबे समय से पुल की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक पुल ना बनने से लोगों को बरसात के सीजन में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.वहीं जगह-जगह पर हाईवे में पहाड़ियों से पत्थर गिर रहे हैं. जिससे लोगों में भय का महौल बना हुआ है.
लगातार बारिश के चलते मनेरी सिलकुरा के समीप गंगोत्री हाईवे पर कटाव शुरू हो गया है. जहां हाईवे का पांच से सात मीटर हिस्सा धंस गया है. वहीं सड़क के अंदर से पानी का रिसाव हो रहा है. सड़क के कटाव से वन विभाग की चौकी को भी खतरा बना हुआ है. उधर भारी बारिश के चलते यमुनोत्री हाईवे से लगे गीठ पट्टी के राना गांव, बाडिया गांव में कई आवासीय भवनों को खतरा उत्पन्न हो गया है. बाडिया गांव में दो परिवारों ने घर छोड दिया.
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आधा दर्जन भवन खतरे की जद में आ गए. राना गांव के मुकेश चौहान ने बताया कि गांव के बीचो-बीच आने वाले गदेरे व निर्माणाधीन राना निष्णी सड़क के मलबे ने गांव साथ ही यमुनोत्री हाईवे व राना चट्टी के होटल व्यवसायियों की नींद उड़ा दी है, गदेरा उफान पर बह रहा है. वहीं उत्तरकाशी के स्यूणा गांव में भी स्कूली बच्चे ट्राली से आवाजाही कर रहे हैं. भागीरथी का जलस्तर ट्रॉली तक पहुंच रहा है, जो खतरे की घंटी से कम नहीं है.