पुरोलाः रवांई क्षेत्र को जिला बनाने की मांग एक बार फिर जोर पकड़ने लगी है. इसी कड़ी में रवांई जिला संघर्ष समिति ने पुरोला को पृथक जिला बनाने की मांग को लेकर तहसील परिसर में अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने जल्द जिला बनाने की मांग को लेकर ढोल-नगाड़ों के साथ जुलूस-प्रर्दशन निकाला. साथ ही उप जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा.
रवांई जिला संघर्ष समिति के बैनर तले युवाओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ प्रदर्शन कर तहसील परिसर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. इससे पहले एक होटल में आयोजित सर्वदलीय बैठक में वक्ताओं ने कहा कि विकट भौगोलिक परिस्थिति वाले रवांई क्षेत्र के नौगांव, पुरोला और मोरी ब्लॉक की जनता वर्षों से अलग जिला बनाने की मांग कर रही है, लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि अब लोगों ने जिला गठन को लेकर आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है.
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उन्होंने कहा की रवांई घाटी के लोगों ने साल 1960 से ही नौगांव, पुरोला व मोरी ब्लॉक को मिलाकर पृथक जिला बनाने की मांग शुरू कर दी थी, लेकिन किसी भी सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. राज्य गठन के बाद भी यहां कई बार महीनों तक आंदोलन चलते रहे, लेकिन सरकारी तंत्र मूकदर्शक बना रहा.
साल 2010 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रवांई समेत प्रदेश में चार नए जिलों का गठन करने की घोषणा की थी, लेकिन वो अभी तक ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है. उन्होंने कहा हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगे मोरी ब्लॉक के सुदूरवर्ती क्षेत्र के लोग आज भी दो दिन में जिला मुख्यालय उत्तरकाशी पहुंचते है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेजा गया है.