ETV Bharat / state

Bhatwadi Mool Village Sinking: भटवाड़ी गांव में भी जोशीमठ जैसे हालात, पथराई लोगों की आंखें

उत्तरकाशी भटवाड़ी मूल गांव में भी कमोवेश जोशीमठ जैसी ही स्थिति है. गांव के मकानों में लगातार दरारें बढ़ रही हैं, जिससे लोग खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं. जबकि प्रशासन 12 वर्षो बाद भी प्रभावितों को विस्थापित नहीं कर पाया है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Jan 23, 2023, 1:43 PM IST

उत्तरकाशी के भटवाड़ी गांव के मकानों में दरारें

उत्तरकाशी: उत्तराखंड में जोशीमठ जैसे हालात कई गांवों में हैं, जहां लोग आज भी विस्थापन की आस में लगे हुए हैं. उत्तरकाशी के तहसील मुख्यालय भटवाड़ी का मूल गांव 12 सालों से लगातार भू धंसाव की चपेट में है. गांव के हर आवासीय भवन पर बड़ी-बड़ी दरारें हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वह हर साल दरारों की मरम्मत करते हैं, लेकिन साल दर साल दरारें बढ़ती जा रही हैं. भटवाड़ी की ‌स्थिति जोशीमठ जैसी ही है. लेकिन 12 वर्षों बाद भी प्रशासन गांव का विस्थापन नहीं करा पाया है.

विस्थापन की आस में पथराई आंखें: गौर हो कि साल 2010 में भटवाड़ी गांव में भू धंसाव के चलते 49 आवासीय भवन जमींदोज हो गए थे. साथ ही गंगोत्री नेशनल हाईवे का एक हिस्सा नदी में समा गया था. प्रशासन ने 50 परिवारों को जल विद्युत निगम की कॉलोनी में शिफ्ट किया था, जो आज भी वहीं रह रहे हैं. साल 2010 से लगातार हो रहे भू धंसाव के चलते अब गांव के सभी मकान धंसाव की चपेट में हैं. गांव में अभी भी करीब 150 परिवार निवास कर रहे हैं. इन ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें भी सुरक्षित स्थान पर विस्थापित किया जाए. वहीं प्रशासन का कहना है कि 49 परिवारों के विस्थापन की प्रक्रिया गतिमान है. अन्य मकानों के लिए भूगर्भीय सर्वे के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.
पढ़ें-Joshimath Sinking: सीएम धामी के धैर्य पर फिदा हुए हरीश रावत, दिल खोलकर की तारीफ

भूकंप के लिए संवेदनशील: भटवाड़ी केवल भू धंसाव से ही खतरे में नहीं है बल्कि जोन फाइव में होने के कारण भूकंप के लिए भी संवेदनशील है. दरारों से जर्जर भवन हल्के से भूकंप में जमींदोज हो सकते हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि करीब 10 सालों से वह रतजगा ही कर रहे हैं.

तहसील भी जिला मुख्यालय में होती है संचालित: भटवाड़ी तहसील मुख्यालय है. जिसका मुख्यालय भी भटवाड़ी में है. लेकिन 2010 से उक्त तहसील भी जिला मुख्यालय से ही संचालित होती है. एसडीएम भटवाड़ी का कार्यालय जिलाधिकारी कार्यालय परिसर के समीप संचालित होता है. जबकि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही स्थानीय निवासी तहसील भटवाड़ी में संचालित किए जाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं. वहीं एसडीएम भटवाड़ी सीएस चौहान ने बताया कि गांव के 49 परिवारों के विस्थापन की प्रक्रिया गतिमान हैं. इन प्रभ‌ावितों को 2 लाख की पहली किश्त भी दे दी गई है.

उत्तरकाशी के भटवाड़ी गांव के मकानों में दरारें

उत्तरकाशी: उत्तराखंड में जोशीमठ जैसे हालात कई गांवों में हैं, जहां लोग आज भी विस्थापन की आस में लगे हुए हैं. उत्तरकाशी के तहसील मुख्यालय भटवाड़ी का मूल गांव 12 सालों से लगातार भू धंसाव की चपेट में है. गांव के हर आवासीय भवन पर बड़ी-बड़ी दरारें हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वह हर साल दरारों की मरम्मत करते हैं, लेकिन साल दर साल दरारें बढ़ती जा रही हैं. भटवाड़ी की ‌स्थिति जोशीमठ जैसी ही है. लेकिन 12 वर्षों बाद भी प्रशासन गांव का विस्थापन नहीं करा पाया है.

विस्थापन की आस में पथराई आंखें: गौर हो कि साल 2010 में भटवाड़ी गांव में भू धंसाव के चलते 49 आवासीय भवन जमींदोज हो गए थे. साथ ही गंगोत्री नेशनल हाईवे का एक हिस्सा नदी में समा गया था. प्रशासन ने 50 परिवारों को जल विद्युत निगम की कॉलोनी में शिफ्ट किया था, जो आज भी वहीं रह रहे हैं. साल 2010 से लगातार हो रहे भू धंसाव के चलते अब गांव के सभी मकान धंसाव की चपेट में हैं. गांव में अभी भी करीब 150 परिवार निवास कर रहे हैं. इन ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें भी सुरक्षित स्थान पर विस्थापित किया जाए. वहीं प्रशासन का कहना है कि 49 परिवारों के विस्थापन की प्रक्रिया गतिमान है. अन्य मकानों के लिए भूगर्भीय सर्वे के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.
पढ़ें-Joshimath Sinking: सीएम धामी के धैर्य पर फिदा हुए हरीश रावत, दिल खोलकर की तारीफ

भूकंप के लिए संवेदनशील: भटवाड़ी केवल भू धंसाव से ही खतरे में नहीं है बल्कि जोन फाइव में होने के कारण भूकंप के लिए भी संवेदनशील है. दरारों से जर्जर भवन हल्के से भूकंप में जमींदोज हो सकते हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि करीब 10 सालों से वह रतजगा ही कर रहे हैं.

तहसील भी जिला मुख्यालय में होती है संचालित: भटवाड़ी तहसील मुख्यालय है. जिसका मुख्यालय भी भटवाड़ी में है. लेकिन 2010 से उक्त तहसील भी जिला मुख्यालय से ही संचालित होती है. एसडीएम भटवाड़ी का कार्यालय जिलाधिकारी कार्यालय परिसर के समीप संचालित होता है. जबकि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ ही स्थानीय निवासी तहसील भटवाड़ी में संचालित किए जाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं. वहीं एसडीएम भटवाड़ी सीएस चौहान ने बताया कि गांव के 49 परिवारों के विस्थापन की प्रक्रिया गतिमान हैं. इन प्रभ‌ावितों को 2 लाख की पहली किश्त भी दे दी गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.