उत्तरकाशी: सिलक्यारा टनल में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. बीते 10 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है, लेकिन अभीतक रेस्क्यू टीम को कोई खास सफलता नहीं मिली है. हालांकि 10वें दिन यानी 21 नवंबर को मजदूरों के लिए राहत की बात ये है कि रेस्क्यू टीम उनसे अच्छी तरह से संपर्क कर पाई और पाइप के माध्यम से मजदूरों के लिए खाना भी भिजवाया गया. वहीं टनल में फंसे मजदूरों के रिश्तेदार भी सिलक्यारा पहुंचे है, जो अपने के लिए काफी चिंतित नजर आ रहे है. ऐसे ही एक पिता भी अपने बच्चे की सलामती की दुआ के लिए यूपी से सिलक्यारा उत्तरकाशी पहुंचे.
एक बेटा खो चुका हूं, दूसरा नहीं खोना चाहता: उत्तर प्रदेश के लखीमपुरखिरी निवासी चौधरी सिंह का छोटा बेटा मंजीत भी टनल में अंदर फंसा हुआ है. उन्होंने बताया कि एक हादसे में वह अपना बड़ा बेटा खो चुके हैं. अब वो दूसरा बेटा नहीं खोना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे के साथ सुरंग में फंसे सभी लोगों की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.
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हर दिन सोचता हूं कि भाई बाहर आ जाए: झारखंड के रहने वाले विश्वजीत कुमार का भाई इंद्रजीत व रिश्तेदार सुबोध कुमार भी सिलक्यारा टनल में फंसे हुए है. विश्वजीत कुमार ने बताया कि वह हर दिन यही सोचते हैं कि आज भाई बाहर आ जाएगा, लेकिन शाम होते होते उनकी सारी उम्मीदें टूट जाती है. उन्हें पूरा विश्वास है कि जल्द ही अंदर फंसे 41 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा.
बता दें कि दीपावली की सुबह सिलक्यारा की निर्माणाधीन टनल में भूस्खलन हो गया है. जिस कारण टनल के पिछले हिस्से में 41 मजदूर फंस गए थे, जिन्हें सुरक्षित बाहर निकालने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. हालांकि 10वां दिन यानी 21 नवंबर मजदूरों के लिए थोड़ा राहत भरा रहा. क्योंकि पाइप के जरिए मजदूरों को पहली बार खाना भेजा गया है, साथ ही उनका वीडियो भी बनाया, जिसमें वो सब स्वस्थ नजर आ रहे है.