ETV Bharat / state

अधर में लटका उत्तरकाशी जिला अस्पताल का ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट, मुंबई हुआ डायवर्ट

उत्तरकाशी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की ओर से ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट जिला अस्पताल के लिए स्वीकृत किया गया था. इसके तहत ऑक्सीजन पाइप लाइन सहित करीब 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, लेकिन महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्लांट को केंद्र सरकार की ओर से मुंबई के लिए डायवर्ट कर दिया गया है.

अधर में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट
अधर में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट
author img

By

Published : Apr 21, 2021, 3:44 PM IST

Updated : May 19, 2021, 1:08 PM IST

उत्तरकाशी: कोरोना की दूसरी लहर में पूरे देश के अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं. ऐसे में ऑक्सीजन की आपूर्ति देशभर के अस्पतालों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. इस सबके बीच सीमांत जनपद उत्तरकाशी के जिला अस्पताल में निर्माणाधीन ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट अधर में लटक गया है. जिला अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार अस्पताल में लगने वाले ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट को केंद्र सरकार की ओर से बढ़ते कोरोना केस को देखते हुए महाराष्ट्र के लिए डायवर्ट कर दिया गया है. हालांकि, जिला अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि अभी की स्थिति को देखते हुए ऑक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त मात्रा में हैं. आगे चारधाम यात्रा से पहले प्लांट को शुरू करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.

जिला अस्पताल का ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट
जिला अस्पताल का ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट

देशभर में कोरोना संक्रमण का दूसरा स्ट्रेन बहुत तेजी के साथ फैल रहा है. डॉक्टरों की मानें तो इस बार वायरस पहले से अधिक खतरनाक है. वहीं देश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए जद्दोजहद जारी है. पहाड़ी सीमान्त जनपद उत्तरकाशी में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है. हालांकि अभी स्थिति कंट्रोल में है, लेकिन जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सामने कोरोना से निपटना एक बड़ी चुनौती है. ऑक्सीजन की बात करें तो जिला अस्पताल प्रशासन के अनुसार वर्तमान में 200 ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पताल में हैं, लेकिन इस सिलेंडरों को भराने के लिए करीब 300 किमी की दूरी अस्पताल कर्मचारियों को नापनी पड़ती है.

उत्तरकाशी का ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट मुंबई डायवर्ट

ये भी पढ़ें: कोरोना लील चुका 7 पुलिसकर्मियों की जान, अब तक 2129 हुए संक्रमित

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसडी सकलानी का कहना है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की ओर से ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट जिला अस्पताल के लिए स्वीकृत किया गया था. जिसके तहत ऑक्सीजन पाइप लाइन सहित करीब 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. लेकिन महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्लांट को केंद्र सरकार की ओर से मुंबई के लिए डायवर्ट कर दिया गया है. अगर यह प्लांट बनता, तो यह चारधाम यात्रा के दौरान संजीवनी का काम करता. साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर भराने के लिए जिला अस्पताल प्रशासन को 200 से 300 किमी की दूरी भी नहीं नापनी पड़ती.

ऐसे हुआ डायवर्ट

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ एसडी सकलानी ने बताया कि जिला अस्पताल में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के लिए स्थान चयनित कर ऑक्सीजन पाइपलाइन अस्पताल में बिछा दी गई थी. इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से ऑक्सीजन जनरेशन मशीन अस्पताल को उपलब्ध करवाई जानी थी. इस मशीन के माध्यम से जिला अस्पताल में ही नेचुरल गैस से ही ऑक्सीजन को जनरेट किया जाना था. दिसंबर माह में मशीन ने उत्तरकाशी जिला अस्पताल को मिलना था. लेकिन उसके बाद महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना सक्रमण के चलते यह ऑक्सीजन जनरेट मशीन केंद्र महाराष्ट्र को दे दी गई है.

उत्तरकाशी: कोरोना की दूसरी लहर में पूरे देश के अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं. ऐसे में ऑक्सीजन की आपूर्ति देशभर के अस्पतालों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. इस सबके बीच सीमांत जनपद उत्तरकाशी के जिला अस्पताल में निर्माणाधीन ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट अधर में लटक गया है. जिला अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार अस्पताल में लगने वाले ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट को केंद्र सरकार की ओर से बढ़ते कोरोना केस को देखते हुए महाराष्ट्र के लिए डायवर्ट कर दिया गया है. हालांकि, जिला अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि अभी की स्थिति को देखते हुए ऑक्सीजन सिलेंडर पर्याप्त मात्रा में हैं. आगे चारधाम यात्रा से पहले प्लांट को शुरू करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं.

जिला अस्पताल का ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट
जिला अस्पताल का ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट

देशभर में कोरोना संक्रमण का दूसरा स्ट्रेन बहुत तेजी के साथ फैल रहा है. डॉक्टरों की मानें तो इस बार वायरस पहले से अधिक खतरनाक है. वहीं देश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए जद्दोजहद जारी है. पहाड़ी सीमान्त जनपद उत्तरकाशी में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है. हालांकि अभी स्थिति कंट्रोल में है, लेकिन जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सामने कोरोना से निपटना एक बड़ी चुनौती है. ऑक्सीजन की बात करें तो जिला अस्पताल प्रशासन के अनुसार वर्तमान में 200 ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पताल में हैं, लेकिन इस सिलेंडरों को भराने के लिए करीब 300 किमी की दूरी अस्पताल कर्मचारियों को नापनी पड़ती है.

उत्तरकाशी का ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट मुंबई डायवर्ट

ये भी पढ़ें: कोरोना लील चुका 7 पुलिसकर्मियों की जान, अब तक 2129 हुए संक्रमित

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसडी सकलानी का कहना है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की ओर से ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट जिला अस्पताल के लिए स्वीकृत किया गया था. जिसके तहत ऑक्सीजन पाइप लाइन सहित करीब 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. लेकिन महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्लांट को केंद्र सरकार की ओर से मुंबई के लिए डायवर्ट कर दिया गया है. अगर यह प्लांट बनता, तो यह चारधाम यात्रा के दौरान संजीवनी का काम करता. साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर भराने के लिए जिला अस्पताल प्रशासन को 200 से 300 किमी की दूरी भी नहीं नापनी पड़ती.

ऐसे हुआ डायवर्ट

जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ एसडी सकलानी ने बताया कि जिला अस्पताल में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट के लिए स्थान चयनित कर ऑक्सीजन पाइपलाइन अस्पताल में बिछा दी गई थी. इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से ऑक्सीजन जनरेशन मशीन अस्पताल को उपलब्ध करवाई जानी थी. इस मशीन के माध्यम से जिला अस्पताल में ही नेचुरल गैस से ही ऑक्सीजन को जनरेट किया जाना था. दिसंबर माह में मशीन ने उत्तरकाशी जिला अस्पताल को मिलना था. लेकिन उसके बाद महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना सक्रमण के चलते यह ऑक्सीजन जनरेट मशीन केंद्र महाराष्ट्र को दे दी गई है.

Last Updated : May 19, 2021, 1:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.