उत्तरकाशी: राज्य गठन के बाद से आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड आज भी नहीं बन पाया. प्रदेश के गांवों की स्थिति आज भी जस की तस हैं. राज्य के दूरस्थ गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं. सीमान्त जनपद के कई गांवों को डंडी और कंडियों का ही सहारा है.
सीमांत जनपद उत्तरकाशी के चिन्यालीसौड़ विकासखंड के न्यू खालसी(माड़)गांव में आजादी के सात दशक बाद भी सड़क नहीं पहुंच पाई है. आज भी ग्रामीणों को गांव पहुंचने के लिए करीब 6 किमी. की खड़ी चढ़ाई पार करनी पड़ती है. गांव में अगर कोई जरूरी सामान पहुंचाना हो तो उसके लिए ग्रामीणों को डंडी- कंडियों में कंधे पर ढोना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कोई बीमार हो जाये या उसे सड़क पर पहुंचाने में 5 से 6 घंटे का समय लग जाता है.
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क तो स्वीकृत हुई, लेकिन आज तक मार्ग बनने की दिशा में कार्य नहीं हो पाया है. लोग डीएम से लेकर सीएम तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन किसी ने आज तक सुध नहीं ली है. जिससे लोग खासे निराश हैं.