उत्तरकाशी: भटवाड़ी ब्लॉक के लोंथरु गांव की रहने वाली युवा पर्वतारोही सविता कंसवाल ने माउंट एवरेस्ट के बाद 15 दिन के अंदर माउंट मकालू पर्वत पर सफल आरोहण किया है. उनकी सफलता से क्षेत्र में खुशी की लहर है. पर्वतारोही सविता कंसवाल ने 12 मई 2022 को ही दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) पर तिरंगा फहराया था. उनके कदम एवरेस्ट पर ही नहीं रुके. उन्होंने 15 दिन बाद 28 मई को माउंट मकालू (8463 मीटर) पर भी सफल आरोहण किया. 15 दिन के अंदर दोनों पर्वतों पर आरोहण कर उन्होंने नया नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया है.
सविता कंसवाल का बचपन काफी आर्थिक तंगी में गुजरा है. सविता के माता पिता ने खेती बाड़ी से ही अपने परिवार का पालन पोषण किया है. सविता की पढ़ाई सरकारी स्कूल से हुई है. चार बहनों में सबसे छोटी सविता ने अपने बुजुर्ग पिता राधेश्याम कंसवाल और मां कमलेश्वरी देवी को कभी पुत्र की कमी महसूस नहीं होने दी, बल्कि उनकी देखरेख और घर की जिम्मेदारियां भी बखूबी संभाल रही हैं. 25 साल की छोटी उम्र में सविता ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट और माउंट मकालू फतह कर युवाओं के लिए एक मिसाल कायम की है.
सरकारी स्कूल से पढ़ी सविता ने 2013 में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से पर्वतारोहण का बेसिक कोर्स किया. सविता ने एडवांस और सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स भी किया. सविता नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में एक कुशल प्रशिक्षक भी रही हैं. निम से पर्वतारोहण का प्रशिक्षण लेने वाली पर्वतारोही सविता की सफलता पर निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट, पर्वतारोही विष्णु सेमवाल, माउंटेनियरिंग एसोसिएशन के आदि ने खुशी जताई है.
सविता माउंट मकालू और माउंट एवरेस्ट से पहले भी कई पर्वत फतह कर चुकी हैं, इनमें त्रिशूल पर्वत (7120 मीटर), हनुमान टिब्बा (5930 मीटर), कोलाहाई (5400 मीटर), द्रौपदी का डांडा (5680 मीटर), तुलियान चोटी (5500 मीटर) के साथ सविता ने दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट ल्होत्से (8516 मीटर) को भी फतह किया है.