उत्तरकाशी: जहां एक और उत्तराखंड में जंगल धू-धू कर जल रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर प्रशासन और वन महकमा आपदा से निपटने के लिए मॉकड्रिल अभ्यास कर रहा है, जो एक भद्दा मजाक लग रहा है. उत्तराखंड में फायर सीजन में पूरे प्रदेश के जंगल आग की चपेट में हैं. जिस पर वन विभाग काबू पाने के लिए नाकामयाब साबित हुआ है.
गौरतलब है कि इन दिनों जिला प्रशासन और वन विभाग सहित पूरा सरकारी महकमा किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए मॉकड्रिल कर रहा है. लेकिन मॉकड्रिल के दौरान असल आपदा किसी को नजर नहीं आ रही है. वन विभाग ने दावा किया था कि ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इसलिए कंट्रोल रूम बनाये गए हैं, कि जिससे कहीं पर भी उठने वाले धुंए से तत्काल मौके पर पहुंचा जा सकें. लेकिन पिछले 10 घण्टे से सुलग रही आग पर अभी तक किसी की नजर भी नहीं गई है. प्रशासन सहित वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आपदा से निपटने के लिए मॉकड्रिल अभ्यास कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी और वन विभाग को जंगलों में फैल रही आग नजर नहीं आ रही है.
वहीं ऊंचाई पर बने कंट्रोल रूम में बैठे कर्मचारी और अधिकारियों को जंगल में लगी आग नजर नहीं आ रही है. डुंडा ब्लॉक के कवां गांव के समीप जंगलों में भीषण वनाग्नि फैली हुई है, जोकि अब बड़ेथी-कवां मोटर मार्ग तक पहुंच गई है. लेकिन इसके बावजूद भी वन विभाग कुंभकर्णी नींद में सोया हुआ है. आग करीब 3 से 4 किमी के जंगलों में फैली हुई है. लेकिन उसके बाद भी आग को बुझाने के लिए किसी प्रकार के प्रयास नहीं हो रहे हैं. जिस कारण लाखों की वन संपदा जल कर राख हो चुकी है. वहीं अगर आग पर जल्द ही काबू नहीं पाया गया. तो आग जल्द ही आवासीय बस्तियों तक पहुंच सकती है. साथ ही तेज हवाओं के साथ ही आग लगातार विकराल रूप ले रही है.