उत्तरकाशी: उत्तराखंड में एक तरफ सर्दी का सितम देखने को मिल रहा है तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश के उत्तरकाशी जिले में इन दिनों जंगलों में आग की घटना सामने आई है. उत्तरकाशी जिले में यमुना घाटी और गंगा घाटी के जंगलों में इस समय भीषण आग लगी हुई है.
आग की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जंगलों में जिस तरफ नजर घूमाओं धुएं का गुबार ही नजर आ रही है. इन वनाग्नि में लाखों रुपए की वन संपदा भी जलकर राख हो चुकी है. वहीं वन्यजीवों की जान को भी खतरा बना हुआ है. सबसे ज्यादा आग उत्तरकाशी के मुखेम रेंज, डुंडा रेंज और यमुना घाटी के अपर यमुना वन प्रभाग में लगी है.
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वैसे तो फायर सीजन 15 फरवरी से लेकर 15 जून के बीच का होता है, जिसको लेकर वन विभाग हर साल तैयारी भी करता है, लेकिन इस बार सर्दियों में ही वनाग्नि की घटना देखने को मिल रही है. वनाग्नि की इस घटना के बारे में स्थानीय लोगों को कहना है कि कुछ ग्रामीण घास उगाने के लिए जंगलों में आग लगाते हैं, जो कभी-कभी विकराल रूप धारण कर लेती है.
वहीं जब वन्यजीव जंगलों में नीचे की ओर पानी पीने के लिए आते हैं तो उनके पैरों से पत्थर गिरते हैं और पत्थरों के टकराव के कारण जंगलों में आग लगती है. स्थानीय लोगों को डर है कि यदि समय रहते वनाग्नि पर काबू नहीं पाया गया तो आग रिहायशी इलाके तक पहुंच सकती है. फिलहाल राड़ी टॉप के नीचे करीब दो मीटर क्षेत्र में भीषण आग लगी है.