उत्तरकाशीः देवभूमि की गौरवशाली पृष्ठभूमि में शहीदों का एक समृद्ध इतिहास रहा है. यहां के रणबांकुरों ने समय-समय पर देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर किया है, लेकिन इन जांबाजों की याद में जिले में एक भी शहीद स्थल नहीं बनाया गया है. 1971 का युद्ध हो या कारगिल समेत सेना के कई बड़े ऑपरेशन में उत्तरकाशी के बहादुर बेटों ने अपनी शहादत दी है. पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड के मुताबिक जिले से 10 मिलिट्री और दो पैरामिलिट्री के जवानों ने देश की रक्षा के लिए शहादत दी. लेकिन शहीदों के बलिदान के सम्मान और उनके परिजनों के लिए सुविधाओं का अभाव आज भी बकरार है.
जिले में रणबांकुरों ने देश की रक्षा के लिए 1971 से लेकर ऑपरेशन रक्षक जैसे कई महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में अपनी जान की बाजी लगाई है, लेकिन आज भी इन रणबांकुरों के सम्मान में जिले में सरकार के हीलाहवाली के चलते शहीद स्थल नहीं बनाया गया है. ऐसे में शहीदों और उनके परिजनों को सम्मान नहीं मिल पा रहा है. जबकि पूर्व सैनिक संगठन लगातार इस मांग को लेकर शासन-प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं. बावजूद इसके सरकार कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं कर पाई है.
वहीं, मेजर आरएस जमनाल (रिटा.) का कहना है कि पहले जो भूमि शहीद स्थल के लिए मिली थी. वह आपदा की भेंट चढ़ गई है, लेकिन अब सरकार की ओर से शहीद स्थल के लिए किसी प्रकार की भूमि नहीं दी गई है. जिससे शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए परिजनों को भटकना पड़ता है.
उत्तरकाशी के वीर सपूतों की शहादतः
- शहीद गार्डसमैन सुंदर सिंह, 13 बटालियन ब्रिगेड ऑफ गार्ड- 25 अक्टूबर 1971 (शहादत दिवस), भारत-पाक युद्ध. गांव- पटारा, तहसील-डुंडा.
- शहीद सिपाही मुरारी लाल, 14 गढ़वाल राइफल- 27 अप्रैल 1995, ऑपरेशन रक्षक, गांव-लदाड़ी, तहसील-भटवाड़ी.
- शहीद राइफलमैन दिनेश चंद्र कुंमाई, 10 गढ़वाल राइफल- 29 जून 1999, ऑपरेशन विजय, गांव-सर्प, तहसील-चिन्यालीसौड़.
- शहीद हवलदार मोहन लाल, 5 गढ़वाल राइफल- 2 जून 2000, ऑपेरशन रक्षक, गांव-धरासू, तहसील-चिन्यालीसौड़.
- शहीद मेजर अर्जुन परमार, 11 कुमाऊं रेजिमेंट- 19 अगस्त 2002, ऑपेरशन पराक्रम, गांव- सर्प, तहसील-चिन्यालीसौड़.
- शहीद हवलदार अतोल पंवार, सेना मेडल शौर्य चक्र (मरणोपरांत), 16 गढ़वाल राइफल- 18 जून 2005, ऑपरेशन रेहनु, गांव- खालसी, तहसील-चिन्यालीसौड़.
- शहीद राइफलमैन दिनेश कुमार, 14 गढ़वाल राइफल- 2 अगस्त 1999, ऑपेरशन रक्षक, गांव- गमरी, तहसील-मोरी.
- शहीद सिपाही राकेश चौहान, बीईजी- 19 सितंबर 2003, ऑपरेशन रक्षक, गांव- गोकुल, तहसील मोरी.
- शहीद राइफलमैन विपिन शाह, 11 गढ़वाल राइफल- 1 जुलाई 2005, ऑपेरशन हिफाजत, गांव- बन्द्राणी, तहसील-भटवाड़ी.
- शहीद राइफलमैन हमीर सिंह पोखरियाल- 7 जून 2018, ऑपरेशन रक्षक, गांव-पोखरियाल गांव, तहसील-डुंडा.
पैरा मिलिट्री फोर्स के शहीदः
- शहीद आशाराम जगूड़ी, आईटीबीपी- 1999 में शहीद, गांव-पोल गांव, तहसील-बड़कोट.
- शहीद मोहन लाल रतूड़ी, सीआरपीएफ- 14 फरवरी 2018, पुलवामा हमला, गांव-बनकोट, तहसील- चिन्यालीसौड़.