उत्तरकाशी: पुरोला में प्रस्तावित महापंचायत भले ही टल गई हो, लेकिन अभीतक पुलिस-प्रशासन की चुनौती और टेंशन बरकरार है. हालांकि ताजा हालात को देखते हुए प्रशासन ने धारा 144 हटा दी है. 16 जून को सुबह पुरोला, नौगांव और बड़कोट का बाजार पहले की तरह खुला, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली.
माना जा रहा है कि अब इलाके में शांति बनी रहेगी. हालांकि सरकार और पुलिस-प्रशासन को अभी भी इस बात की चिंता है कि हिंदूवादी संगठनों ने महापंचायत को रद्द नहीं किया, बल्कि स्थगित किया है. उन्होंने जल्द ही महापंचायत करने का एलान किया था, जिसको लेकर पुलिस-प्रशासन पहले से भी ज्यादा सतर्क है. पुरोला के इतिहास में पहली बार दो समुदायों के बीच इस तरह का तनाव देखने को मिला था, जिसका हो हल्ला पूरे देश में सुनाई दिया.
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गुरुवार को नौगांव में सभा के दौरान यमुनाघाटी हिंदू जागृति संगठन के अध्यक्ष केशव गिरि महाराज ने प्रशासन को पहले ही सूचित कर दिया था कि 25 जून को बड़कोट में महापंचायत होगी. यमुनाघाटी हिंदू जागृति संगठन के इस एलान के बाद प्रशासन की चिंता कम नहीं हुई है. फिलहाल की स्थिति को देखते हुए शहर से धारा 144 हटा दी गई है.
पुरोला विवाद: बता दें कि बीती 26 मई को पुरोला में कुछ स्थानीय लोगों ने मुस्लिम युवक समेत दो लोगों को एक नाबालिग लड़की के साथ पकड़ा था. आरोप है कि दोनों युवक नाबालिग को भगाने का प्रयास कर रहे थे. दोनों युवक इस समय जेल में हैं. इस मामले को कुछ हिंदू संगठनों ने कथित लव जिहाद से जोड़ दिया था. इसके बाद वहीं पर मुस्लिम व्यापारियों को दुकान खाली करने की धमकी दी गई. कुछ मुस्लिम व्यापारियों ने डर के मारे अपनी दुकानें खाली भी कर दी थी.
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वहीं, इस मामले को लेकर हिंदू संगठनों ने 15 जून को महापंचायत बुलाई थी, जिसके बाद से ही इलाके में तनावपूर्ण माहौल चल रहा था. हालांकि गुरुवार को प्रशासन के दबाव में हिंदू संगठनों ने महापंचायत को स्थगित कर दिया था, जिसके बाद ही इलाके में शांति का माहौल है.