उत्तरकाशी: रवाई घाटी के काश्तकार और प्रगतिशील किसानों की वर्षों बाद मंडी की मांग अब पूरी होने जा रही है. उद्यान विभाग की ओर से आधा हेक्टेयर जमीन भूमि मंडी समिति को हस्तांतरित कर दी गई है. साथ ही मंडी समिति ने नौगांव में मंडी के लिए डीपीआर तैयार कर शासन को भेज दी है.
जिला उद्यान अधिकारी प्रभाकर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के घोषणा के अनुसार जनपद की यमुना वैली के बड़कोट, पुरोला, नौगांव और मोरी के काश्तकारों के लिए मंडी खुलनी है. इसके लिए उद्यान विभाग की और से घाटी के केंद्र नौगांव विकासखण्ड मुख्यालय में आधा हेक्टेयर भूमि मंडी समिति को हस्तांतरित कर दी गई है. नौगांव में मंडी खुलने से जहां रवाई घाटी के काश्तकारों को इसका सीधा लाभ मिलेगा, तो इसके साथ ही गंगा घाटी के ब्रह्मखाल, चिन्यालीसौड़ के काश्तकारों को भी अपनी नगदी फसलें बेचने के लिए इसका लाभ मिलेगा.
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बता दें, जनपद के रवाई घाटी के बड़कोट, नौगांव, पुरोला और मोरी तहसील अपनी नगदी फसलों और सेब का उच्च स्तर पर उत्पादन होता है. यहां का आलू सहित मटर, लाल चावल सहित अन्य नकदी फसलें देश में मंडियों में अपना विशेष स्थान रखती हैं, लेकिन कई बार आपदा और अन्य कारणों से काश्तकारों की फसलें मंडियों तक न पहुंचने के कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. साथ ही मैदानी क्षेत्र की मंडियों की दूरी अधिक होने के कारण काश्तकारों को फसल का समर्थन मूल्य और वाहनों के खर्चे में भी नुकसान उठाना पड़ता है. इसलिए रवाई घाटी के काश्तकार लंबे समय से मांग कर रहे थे कि क्षेत्र में एक मंडी खुलनी चाहिए.