उत्तरकाशीः विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की शुरुआत कल से होने जा रही है. मंगलवार को अक्षय तृतीया के मौके पर यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट विधि-विधान से खोले जाएंगे. इसी क्रम में शीतकालीन मंदिर से मां गंगा की डोली दोपहर 12.35 बजे आर्मी बैंड की धुनों के साथ गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई. गंगा मैया की डोली आज रात भैरो घाटी में रात्रि विश्राम करेगी, जिसके बाद कल सुबह अपने धाम गंगोत्री पहुंचेगी. यहां पर विशेष पूजा अर्चना के बाद सुबह 11.30 बजे मंदिर के कपाट 6 महीने के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये जायेंगे.
बतां दें कि मां गंगा की डोली 6 महीने के लिए शीतकालीन मंदिर मुखबा में प्रवास करती है. छह महीने गंगोत्री धाम में प्रवास करती है. जहां पर हर साल लाखों श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन करते हैं. इसी के तहत मंगलवार सुबह से ही शीतकालीन प्रवास मुखबा में मां गंगा की विदा के लिए धराली और उपला टकनोर के ग्रामीण समेत देश-विदेश के सैंकड़ों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. स्थानीय लोग फाफरे का भोग और कंडे के साथ गंगा जी के शीतकालीन मंदिर मुखबा पहुंचे. जहां पर उन्होंने भोग को मंदिर में चढ़ाया. जिसके बाद दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर विशेष पूजा अर्चना के बाद महर रेजिमेंट के आर्मी बैंड की धुनों के साथ मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिये रवाना हुई.
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मां गंगा को बेटी की तरह 6 महीने मुखबा में रखने के बाद विदा करते समय ग्रामीणों के आंखों में आंसू छलक आये. महिलाएं भी हाथों में धूप-बत्ती लेकर डोली को नम आंखों से विदाई देती नजर आईं. वहीं, कोपांग में आईटीबीपी के जवानों ने श्रद्धालुओं के लिए फलाहार की व्यवस्था भी की.
गंगोत्री धाम मंदिर समिति के सचिव दीपक सेमवाल ने कहा कि गंगा जी की डोली रात्रि विश्राम भैरो घाटी के भैरव मंदिर में करेगी. जिसके बाद गंगा जी की डोली सुबह गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी. उन्होंने बताया कि गंगोत्री पहुंचकर विशेष पूजा अर्चना के बाद 11.30 बजे गंगा मैया के मंदिर के कपाट 6 महीने के लिए श्रद्धालुओं के लिए खोल दिये जायेंगे. साथ ही कहा कि मंदिर समिति की ओर से श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की गई है.