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कल खुलेंगे डोडीताल में अन्नपूर्णा देवी मंदिर के कपाट, यहीं हुआ था भगवान गणेश का जन्म - उत्तराखंड ताजा समाचार टुडे

डोडीताल क्षेत्र स्थित मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट मंगलवार 19 अप्रैल को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए जाएंगे. मान्यता के अनुसार यहीं भगवान गणेश का जन्म हुआ था. कपाट खुलने के बाद अगले 6 महीने तक श्रद्धालु डोडीताल में मां अन्नपूर्णा के दर्शन कर सकते हैं.

maa annapurna Devi temple
अन्नपूर्णा देवी मंदिर के कपाट
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Published : Apr 18, 2022, 6:28 PM IST

उत्तरकाशी: विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल डोडीताल में अन्नपूर्णा देवी मंदिर के कपाट कल 19 अप्रैल को खुलेंगे. कपाट खुलने से पहले आज 18 अप्रैल को अगोड़ा गांव से केलसू क्षेत्र के आराध्य देव डोलियों के साथ ग्रामीणों का हुजूम डोडिताल के लिए रवाना हुआ. इस दौरान ग्रामीणों ने देव डोलियों के साथ नृत्य किया.

सोमवार को अगोड़ा गांव से केलसू क्षेत्र के सभी आराध्य देवी देवताओं के सानिध्य में ग्रामीणों का हुजूम डोडिताल के लिए रवाना हुआ. अगोड़ा में डोडीताल रवाना होने से पहले ग्रामीणों ने एकत्र होकर देव डोलियों की पूजा अर्चना की. इस मौके पर मौजूद गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने भी डोली व ग्रामीणों के साथ रासो नृत्य किया.
पढ़ें- बदरीनाथ यात्रा: 22 अप्रैल को नरेंद्रनगर से शुरू होगी तेल कलश यात्रा, 8 मई को खुलेंगे धाम के कपाट

मंदिर के पुजारी संतोष खंडूड़ी ने बताया कि डोडीताल क्षेत्र में ही मां अन्नपूर्णा ने भगवान गणेश को जन्म दिया था, जिससे इस स्थान का स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही पूरे देश भर के श्रद्धालुओं के मन में विशेष महत्व है. डोडीताल में मंगलवार को देव डोलियों की मौजूदगी में मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोले जाएंगे.

भगवान गणेश का जन्म स्थान: डोडीताल को गणेश भगवान की जन्मस्थली कहा जाता है. माना जाता है कि मां अन्नपूर्णा डोडीताल में स्नान के लिए आई थीं. यहीं पर उन्होंने भगवान गणेश को जन्म दिया था और स्नान के लिए गणेश को द्वारपाल बनाकर खड़ा किया था. गणेश जी को किसी को भी अंदर नहीं आने देने का आदेश था. कहा जाता है कि यहीं पर भगवान शिव को गणेश ने रोका था.

उत्तरकाशी: विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल डोडीताल में अन्नपूर्णा देवी मंदिर के कपाट कल 19 अप्रैल को खुलेंगे. कपाट खुलने से पहले आज 18 अप्रैल को अगोड़ा गांव से केलसू क्षेत्र के आराध्य देव डोलियों के साथ ग्रामीणों का हुजूम डोडिताल के लिए रवाना हुआ. इस दौरान ग्रामीणों ने देव डोलियों के साथ नृत्य किया.

सोमवार को अगोड़ा गांव से केलसू क्षेत्र के सभी आराध्य देवी देवताओं के सानिध्य में ग्रामीणों का हुजूम डोडिताल के लिए रवाना हुआ. अगोड़ा में डोडीताल रवाना होने से पहले ग्रामीणों ने एकत्र होकर देव डोलियों की पूजा अर्चना की. इस मौके पर मौजूद गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान ने भी डोली व ग्रामीणों के साथ रासो नृत्य किया.
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मंदिर के पुजारी संतोष खंडूड़ी ने बताया कि डोडीताल क्षेत्र में ही मां अन्नपूर्णा ने भगवान गणेश को जन्म दिया था, जिससे इस स्थान का स्थानीय ग्रामीणों के साथ ही पूरे देश भर के श्रद्धालुओं के मन में विशेष महत्व है. डोडीताल में मंगलवार को देव डोलियों की मौजूदगी में मां अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोले जाएंगे.

भगवान गणेश का जन्म स्थान: डोडीताल को गणेश भगवान की जन्मस्थली कहा जाता है. माना जाता है कि मां अन्नपूर्णा डोडीताल में स्नान के लिए आई थीं. यहीं पर उन्होंने भगवान गणेश को जन्म दिया था और स्नान के लिए गणेश को द्वारपाल बनाकर खड़ा किया था. गणेश जी को किसी को भी अंदर नहीं आने देने का आदेश था. कहा जाता है कि यहीं पर भगवान शिव को गणेश ने रोका था.

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