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उत्तरकाशी: लोगों ने की मुकदमा वापस लेने की मांग, राज्यपाल को भेजा ज्ञापन - Sutlej Hydroelectric Project

नैटवाड़ जल विद्युत परियोजना से स्थानीय लोगों को काम से हटा दिया गया था. जिसके विरोध में स्थानीय लोगों ने धरना प्रदर्शन किया था. हालांकि, बाद में प्रशासन के आश्वासन पर धरना प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया था. वहीं, इस मामले में 18 लोगों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था.

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लोगों ने की मुकदमा वापस लेने की मांग
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Published : Nov 28, 2020, 6:08 PM IST

उत्तरकाशी: जिले के सुदूरवर्ती मोरी तहसील के स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने सतलुज जल विद्युत परियोजना लिमिटेड के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर किये धरने के दौरान हुए मुकदमों को वापस लेने की मांग की है. स्थानीय लोगों ने बताया कि एसजेवीएल और उसके कार्यदायी संस्था जेपी कंपनी के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों पर मुकदमे करवाए थे. लेकिन वह सब फर्जी मुकदमे थे. क्योंकि, स्थानीय लोग अपने हक-हकूक की मांग कर रहे थे.

स्थानीय निवासी मनमोहन सिंह चौहान के नेतृत्व में मोरी तहसील के जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उन्होंने कहा कि एसजेवीएल की कार्यदायी संस्था की और से नैटवाड़ जल विद्युत परियोजना से स्थानीय लोगों को काम से हटा दिया गया था. जिसके विरोध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और लोगों ने धरना प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़ें : धूमधाम से मनाया गया भेड़ों का तमाशा मेला, प्रकृति और मवेशियों के संबंध का प्रतीक

वहीं, जिला प्रशासन और जल विद्युत परियोजना के अधिकारियों के आश्वासन के साथ धरना समाप्त करवाया गया था कि स्थानीय लोगों को परियोजना में रोजगार दिया जाएगा. लेकिन रोजगार के स्थान पर 18 लोगों पर फर्जी मुकदमों में फंसा दिया गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर 10 दिन के भीतर मुकदमे वापस नहीं लिए जाते हैं, तो आगे उग्र आंदोलन करेंगे.

उत्तरकाशी: जिले के सुदूरवर्ती मोरी तहसील के स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों ने सतलुज जल विद्युत परियोजना लिमिटेड के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर किये धरने के दौरान हुए मुकदमों को वापस लेने की मांग की है. स्थानीय लोगों ने बताया कि एसजेवीएल और उसके कार्यदायी संस्था जेपी कंपनी के अधिकारियों ने स्थानीय लोगों पर मुकदमे करवाए थे. लेकिन वह सब फर्जी मुकदमे थे. क्योंकि, स्थानीय लोग अपने हक-हकूक की मांग कर रहे थे.

स्थानीय निवासी मनमोहन सिंह चौहान के नेतृत्व में मोरी तहसील के जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान उन्होंने कहा कि एसजेवीएल की कार्यदायी संस्था की और से नैटवाड़ जल विद्युत परियोजना से स्थानीय लोगों को काम से हटा दिया गया था. जिसके विरोध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और लोगों ने धरना प्रदर्शन किया.

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वहीं, जिला प्रशासन और जल विद्युत परियोजना के अधिकारियों के आश्वासन के साथ धरना समाप्त करवाया गया था कि स्थानीय लोगों को परियोजना में रोजगार दिया जाएगा. लेकिन रोजगार के स्थान पर 18 लोगों पर फर्जी मुकदमों में फंसा दिया गया. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर 10 दिन के भीतर मुकदमे वापस नहीं लिए जाते हैं, तो आगे उग्र आंदोलन करेंगे.

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