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छह कमरों में बैठकर पढ़ने को हैं मजबूर 465 छात्राएं, 14 साल से नहीं हुआ भवन निर्माण - जूनियर हाई स्कूल संचालित होता था

पुरोला विधानसभा के बालिका इंटर कॉलेज में कक्षाओं की हालत बदहाल है. 465 छात्राएं महज 6 कमरों में सिमट कर किसी करह पढ़ने को मजबूर हैं. ऐसे में इन स्कूलों की स्थिति को देखकर यही लगता है कि सरकार की ओर से किए गए वादे इन छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

जूनियर के भवन में 14 साल से चल रहा बालिक इंटर कॉलेज.
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Published : Aug 28, 2019, 11:32 PM IST

पुरोला: उत्तराकाशी में पुरोला विधानसभा क्षेत्र का एक मात्र बालिका इंटर कॉलेज 14 सालों से उच्च प्राथमिक विद्यालय जूनियर के भवन में संचालित हो रहा है. राज्य में सरकारें बनती-बदलती रहीं लेकिन इस विद्यालय में पढ़ रही छात्राओं की समस्या का समाधान नहीं हुआ है.

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विद्यालय के कक्षाओं का आलम यह है कि 465 बालिकाएं महज 6 कमरों में किसी तरह बैठकर कर पठन-पाठन का कार्य करने को मजबूर है. इस समस्या को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि प्रत्येक सरकार में चुनें जाने वाले क्षेत्रिय विधायक देहरादून में केवल आराम फरमाने के लिए हैं.

जूनियर के भवन में 14 साल से चल रहा बालिक इंटर कॉलेज.

बता दें कि पुरोला के बालिका इंटर कॉलेज के भवन में साल 1991 में जूनियर हाई स्कूल संचालित होता था. तब यहां पढ़ने वाली छात्राओं की संख्या 152 ही थी. साल 2004-05 में सरकार नें इस विद्यालय को इंटरमिडिएट तक कर दिया.

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विद्यालय में कक्षा भवन तो उतना ही बड़ा है लेकिन छात्राओं की संख्या अब अधिक हो चुकी है. जिसके चलते छात्राओं ने पढ़ाई हेतु उचित कक्षा का निर्माण कराने का आग्रह किया है. इतना ही नहीं छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए विद्यालय में खेल मैदान तक नहीं है, जहां वह खेलकूद कर सकें.

पुरोला: उत्तराकाशी में पुरोला विधानसभा क्षेत्र का एक मात्र बालिका इंटर कॉलेज 14 सालों से उच्च प्राथमिक विद्यालय जूनियर के भवन में संचालित हो रहा है. राज्य में सरकारें बनती-बदलती रहीं लेकिन इस विद्यालय में पढ़ रही छात्राओं की समस्या का समाधान नहीं हुआ है.

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विद्यालय के कक्षाओं का आलम यह है कि 465 बालिकाएं महज 6 कमरों में किसी तरह बैठकर कर पठन-पाठन का कार्य करने को मजबूर है. इस समस्या को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि प्रत्येक सरकार में चुनें जाने वाले क्षेत्रिय विधायक देहरादून में केवल आराम फरमाने के लिए हैं.

जूनियर के भवन में 14 साल से चल रहा बालिक इंटर कॉलेज.

बता दें कि पुरोला के बालिका इंटर कॉलेज के भवन में साल 1991 में जूनियर हाई स्कूल संचालित होता था. तब यहां पढ़ने वाली छात्राओं की संख्या 152 ही थी. साल 2004-05 में सरकार नें इस विद्यालय को इंटरमिडिएट तक कर दिया.

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विद्यालय में कक्षा भवन तो उतना ही बड़ा है लेकिन छात्राओं की संख्या अब अधिक हो चुकी है. जिसके चलते छात्राओं ने पढ़ाई हेतु उचित कक्षा का निर्माण कराने का आग्रह किया है. इतना ही नहीं छात्राओं के सर्वांगीण विकास के लिए विद्यालय में खेल मैदान तक नहीं है, जहां वह खेलकूद कर सकें.

Intro:डेडलाईन -पुरोला २८/०८/२०१९
-एंकर- पुरोला विधानसभा का एक मात्र बालिका इंटर कालेज १४वर्षों से उच्च प्राथमिक विधाल्य( जुनियर )के भवन में संचालित हो रहा है । राज्य में सरकारें बनती - बदलती रही लेकिन यहां अघ्यनरत बालिकाओं की तकदीर नहीं बदली । आलम यह है कि 465 बालिकायें महज छ: कमरों में ठूंस-ठूंस कर अपना पठन पाठन का कार्य करनें को मजबूर हैं । और प्रत्येक सरकार में चुनें जानें वाले छेत्रिय विधायक देहरादून में आराम फरमातेहैं
।Body:विओ१- बालिका इंटर कालेज के इस भवन में वर्ष 1991 में जुनियर हाई स्कुल संचालित होता था तब यहां अघ्यनरत् छात्राओं की संख्या 152 हुवा करती थी । वर्ष 2004-05 में सरकार नें इस विधाल्य का उचिकरण कर
इंटरमिडिएट कर दिया आज छात्राओं की संख्या 465 है लेकिन सरकार उचिकरण करनें के बाद भुल गई की छात्राओंके पठन पाठन के लिये भवन का भी उचिकरण होना है । आलम यह है कि 465 बालिकायें जुनियर हाई स्कुल के भवन में 14 सालों से अध्यन करते आ रहे हैं पर सरकारें हैं की कुम्भकरणी निंद से जागनें को तैयार नहीं ।
बाईट-छात्रायें
१-
२--
विओ-२-इतना ही नहीं छात्राओं के सर्वांगिण विकास के लिये एक अदद खेल मैदान तक नहीं जहां वो खेलकूद सकें ,चुनें हुये नेता कार्यक्रमों में बस हवाई फायर कर विकास के गोले जरुर दाग देते हैं पर इन बालिकाओं की समस्या डबल इंजन की सरकार भी दूर नहीं कर पाई।
बाईट-छात्रा
बाईट-वंदना ढौंडियाल( प्रधानाध्यापिक)
Conclusion:विओ३- डबल इंजन सरकार के मुखिया व देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बेटी बचाओ,बेटी पढाओ अभियान में इस प्रकार की खबरें आनां यही दर्शाता है कि हाथी के दांत दिखानें के कुछ और ,चबानें के कुछ और ।
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