उत्तरकाशीः लद्दाख में भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच खबर है कि उत्तरकाशी से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी हलचल तेज हो गई है. पिछले कुछ समय से भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में सेना की गतिविधियों में तेजी देखने को मिली है. सेना और आईटीबीपी के जवानों ने सीमा से सटे क्षेत्रों में चौकसी बढ़ा दी है. सेना की बढ़ी गतिविधियों और हलचल के बीच सीमावर्ती गांव के लोगों को भी अब युद्ध का कयास लगाने लगे हैं. वहीं, नेलांग घाटी में आईटीबीपी के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ अग्रिम चौकियों पर तैनात हैं.
भारत चीन सीमा विवाद पर अगर उत्तराखंड के भौगोलिक ढांचे पर नजर डालें तो उत्तरकाशी सहित चमोली और पिथौरागढ़ की सीमाएं भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़ती हैं. उत्तरकाशी का करीब 122 किमी का क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटा हुआ है. हालांकि अभी तक कभी भी चीन ने उत्तरकाशी से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा में घुसपैठ का दुस्साहस नहीं किया है. इसका मुख्य कारण इस क्षेत्र की विषम भौगोलिक परिस्थितियां हैं. लेकिन अभी भी पूर्व में भारत-तिब्बत व्यापार के रास्तों से घुसपैठ का खतरा लगातार बना हुआ है. जिसे देखते हुए आईटीबीपी के साथ सेना ने भी सीमा पर गश्त और चौकसी बढ़ा दी है.
पढ़ेंः मसूरी: भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल ने मनाया 42वां स्थापना दिवस
विगत एक सप्ताह से जहां नेलांग और हर्षिल घाटी में सेना की गतिविधियों में तेजी आई है. वहीं, भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान विगत दो सप्ताह से लगातार उत्तरकाशी से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रेकी कर रहे हैं ताकि चीन की हर हरकत पर नजर रखी जा सके. सेना के वाहनों की आमद सीमावर्ती क्षेत्रों में लगातार बढ़ रही है.