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होटल व्यवसायियों-ग्रामीणों ने किया गंगोत्री धाम कूच, चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग - villagers did march to gangotri dham

उत्तराखंड के प्रसिद्ध चारधाम को अभी तक आम श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोला गया है. इस कारण चारधाम यात्रा पर निर्भर लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. अब यात्रा से जुड़े होटल और पर्यटन व्यवसायी समेत लोगों का धैर्य जवाब देने लगा है. उत्तरकाशी में भी आक्रोशित लोगों ने गंगोत्री धाम कूच किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया.

gangotri dham
गंगोत्री धाम कूच
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Published : Aug 23, 2021, 3:56 PM IST

Updated : Aug 23, 2021, 4:22 PM IST

उत्तरकाशीः चारधाम यात्रा से जुड़े होटल और पर्यटन व्यवसायी समेत हर्षिल घाटी के ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया है. चारधाम यात्रा शुरू न होने से गुस्साए सैकड़ों लोग गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुए, लेकिन पुलिस ने उन्हें हर्षिल में ही रोक दिया. इस दौरान उनकी पुलिस के साथ तीखी बहस भी हुई. आक्रोशित लोग यात्रा खोलने की मांग को लेकर वहीं धरने पर बैठ गए. हालांकि, प्रशासन और पुलिस के काफी समझाने के बाद आक्रोशित लोगों ने धरना खत्म किया.

सोमवार को होटल व्यवसायी, व्यापार मंडल, पर्यटन व्यवसायी समेत हर्षिल घाटी के उपला टकनौर के ग्रामीण चारधाम यात्रा को शुरू करने की मांग को लेकर गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुए. पुलिस ने गंगोत्री धाम से 25 किमी पहले हर्षिल में बैरियर लगाकर सभी को रोक दिया. पुलिस के साथ यात्रा से जुड़े व्यवसायियों की तीखी-नोंक झोक भी हुई. जब स्थानीय लोगों को गंगोत्री धाम नहीं जाने दिया गया तो सभी लोग हर्षिल में पुलिस बैरियर के पास ही धरने पर बैठ गए और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

होटल व्यवसायियों-ग्रामीणों ने किया गंगोत्री धाम कूच.

ये भी पढ़ेंः बदरीनाथ धाम के तीर्थपुरोहितों ने पकड़ी अनशन की राह, दर्शन करने वालों को पुलिस ने रोका

होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा, सचिव रविंद्र नेगी, संजय पंवार, मनोज रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा बंद होने से लाखों लोगों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है तो वहीं अब स्थानीय लोगों को गंगोत्री धाम जाने से रोका जा रहा है. साथ ही कहा कि जब प्रदेश में सब कुछ सामान्य है तो चारधाम यात्रा क्यों बंद की गई है? उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर चारधाम यात्रा शुरू नहीं की गई तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा.

वहीं, मौके पर मौजूद तहसीलदार भटवाड़ी प्रेम सिंह रावत ने बताया कि गंगोत्री धाम जा रहे लोगों से वार्ता कर उनका धरना समाप्त करवाया गया. फिलहाल, होटल एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा जा रहा है. उसमें मांग की गई है कि चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से खोला जाए, जिससे यात्रा पर निर्भर लोगों की रोजी-रोटी चल सके.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा पर 'सुप्रीम' फैसले पर टिकी उत्तराखंड सरकार की निगाहें

चारधाम यात्रा के संचालन पर फैसला कब? गौर हो कि चारधाम यात्रा के संचालन पर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. हाईकोर्ट में चारधाम यात्रा को लेकर बीती 18 अगस्त को सुनवाई होनी थी, लेकिन सुनवाई टल गई थी. ‌फिलहाल, अग्रिम आदेशों तक यात्रा स्थगित है, लेकिन तीर्थपुरोहित, हकहकूकधारी, व्यापारी और स्थानीय लोग चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, राज्य सरकार ने तीन जिलों के लोगों को दर्शन की अनुमति भी दी थी, लेकिन बाद में सरकार इस फैसले पर पलट गई.

तय समय पर खुले थे कपाटः चारों धामों के कपाट तय समय पर खोले गए थे. 14 मई को यमुनोत्री धाम, 15 मई को गंगोत्री धाम, 17 मई को केदारनाथ धाम और 18 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले गए थे. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से किसी भी श्रद्धालु को चारधाम के दर्शन की अनुमति नहीं दी गई. इसके चलते चारों धामों में सन्नाटा पसरा हुआ है. फिलहाल, मंदिरों में पुजारी, तीर्थ पुरोहित के साथ ही अन्य परंपराओं का निर्वहन करने वाले हक हकूकधारी ही मौजूद हैं.

उत्तरकाशीः चारधाम यात्रा से जुड़े होटल और पर्यटन व्यवसायी समेत हर्षिल घाटी के ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट गया है. चारधाम यात्रा शुरू न होने से गुस्साए सैकड़ों लोग गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुए, लेकिन पुलिस ने उन्हें हर्षिल में ही रोक दिया. इस दौरान उनकी पुलिस के साथ तीखी बहस भी हुई. आक्रोशित लोग यात्रा खोलने की मांग को लेकर वहीं धरने पर बैठ गए. हालांकि, प्रशासन और पुलिस के काफी समझाने के बाद आक्रोशित लोगों ने धरना खत्म किया.

सोमवार को होटल व्यवसायी, व्यापार मंडल, पर्यटन व्यवसायी समेत हर्षिल घाटी के उपला टकनौर के ग्रामीण चारधाम यात्रा को शुरू करने की मांग को लेकर गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुए. पुलिस ने गंगोत्री धाम से 25 किमी पहले हर्षिल में बैरियर लगाकर सभी को रोक दिया. पुलिस के साथ यात्रा से जुड़े व्यवसायियों की तीखी-नोंक झोक भी हुई. जब स्थानीय लोगों को गंगोत्री धाम नहीं जाने दिया गया तो सभी लोग हर्षिल में पुलिस बैरियर के पास ही धरने पर बैठ गए और प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

होटल व्यवसायियों-ग्रामीणों ने किया गंगोत्री धाम कूच.

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होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूड़ा, सचिव रविंद्र नेगी, संजय पंवार, मनोज रावत ने कहा कि चारधाम यात्रा बंद होने से लाखों लोगों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है तो वहीं अब स्थानीय लोगों को गंगोत्री धाम जाने से रोका जा रहा है. साथ ही कहा कि जब प्रदेश में सब कुछ सामान्य है तो चारधाम यात्रा क्यों बंद की गई है? उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर चारधाम यात्रा शुरू नहीं की गई तो आगे उग्र आंदोलन किया जाएगा.

वहीं, मौके पर मौजूद तहसीलदार भटवाड़ी प्रेम सिंह रावत ने बताया कि गंगोत्री धाम जा रहे लोगों से वार्ता कर उनका धरना समाप्त करवाया गया. फिलहाल, होटल एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा जा रहा है. उसमें मांग की गई है कि चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से खोला जाए, जिससे यात्रा पर निर्भर लोगों की रोजी-रोटी चल सके.

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चारधाम यात्रा के संचालन पर फैसला कब? गौर हो कि चारधाम यात्रा के संचालन पर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है. हाईकोर्ट में चारधाम यात्रा को लेकर बीती 18 अगस्त को सुनवाई होनी थी, लेकिन सुनवाई टल गई थी. ‌फिलहाल, अग्रिम आदेशों तक यात्रा स्थगित है, लेकिन तीर्थपुरोहित, हकहकूकधारी, व्यापारी और स्थानीय लोग चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि, राज्य सरकार ने तीन जिलों के लोगों को दर्शन की अनुमति भी दी थी, लेकिन बाद में सरकार इस फैसले पर पलट गई.

तय समय पर खुले थे कपाटः चारों धामों के कपाट तय समय पर खोले गए थे. 14 मई को यमुनोत्री धाम, 15 मई को गंगोत्री धाम, 17 मई को केदारनाथ धाम और 18 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले गए थे. लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से किसी भी श्रद्धालु को चारधाम के दर्शन की अनुमति नहीं दी गई. इसके चलते चारों धामों में सन्नाटा पसरा हुआ है. फिलहाल, मंदिरों में पुजारी, तीर्थ पुरोहित के साथ ही अन्य परंपराओं का निर्वहन करने वाले हक हकूकधारी ही मौजूद हैं.

Last Updated : Aug 23, 2021, 4:22 PM IST
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