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गंगोत्री और हर्षिल घाटी में जबरदस्त बर्फबारी, सेब के काश्तकार हुए मायूस

मौसम ने करवट बदली और उसके बाद गंगोत्री धाम में बर्फबारी के बाद सफेद चादर ओढ़ ली है. सेब उत्पादन के लिए देश की मंडियों में विशिष्ट पहचान रखने वाली हर्षिल घाटी में भी शनिवार दोपहर बाद भारी बर्फबारी जारी है. इसके कारण हर्षिल घाटी के सेब काश्तकार मायूस नजर आ रहे हैं.

Uttarkashi snowfall
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Published : Apr 17, 2021, 7:58 PM IST

Updated : May 19, 2021, 1:07 PM IST

उत्तरकाशी: बीते दिनों की गर्मी के बाद शनिवार को जहां जनपद के निचले इलाकों में आंधी और बारिश के कारण तापमान में गिरावट देखने को मिली. तो वहीं, दोपहर बाद गंगोत्री धाम सहित हर्षिल घाटी में बर्फबारी जारी है. जहां पर्यटन के दृष्टिकोण से यह अच्छी उम्मीद है. तो वहीं, हर्षिल घाटी में हो रही बर्फबारी के कारण सेब काश्तकार मायूस हैं. सब काश्तकारों का कहना है कि अप्रैल माह की बर्फबारी सेब उत्पादन के लिए बड़ा नुकसान है.

गंगोत्री और हर्षिल घाटी में जबरदस्त बर्फबारी.

सेब काश्तकारों का कहना है कि अप्रैल माह की बर्फबारी सेब उत्पादन के लिए बड़ा नुकसान बनकर आई है. हर्षिल के ग्राम प्रधान दिनेश रावत, सुक्की सेब काश्तकार संजीव सिंह का कहना है कि अप्रैल माह में सेब में फ्लावरिंग का समय होता है.

पढ़ें- पूर्व केंद्रीय मंत्री बची सिंह रावत की तबीयत बिगड़ी, एम्स में भर्ती

इस समय सेब के लिए बारिश और बर्फबारी हानिकारक होती है. वहीं, अप्रैल माह में हुई इस दूसरी बर्फबारी से सेब के पेड़ों पर जो फ्लावरिंग हुई थी, वह झड़ गई है. जिससे सेब उत्पादन को भारी नुकसान हुआ है. सेब काश्तकारों ने सरकार से मांग की है कि इस नुकसान का आकलन किया जाए.

उत्तरकाशी: बीते दिनों की गर्मी के बाद शनिवार को जहां जनपद के निचले इलाकों में आंधी और बारिश के कारण तापमान में गिरावट देखने को मिली. तो वहीं, दोपहर बाद गंगोत्री धाम सहित हर्षिल घाटी में बर्फबारी जारी है. जहां पर्यटन के दृष्टिकोण से यह अच्छी उम्मीद है. तो वहीं, हर्षिल घाटी में हो रही बर्फबारी के कारण सेब काश्तकार मायूस हैं. सब काश्तकारों का कहना है कि अप्रैल माह की बर्फबारी सेब उत्पादन के लिए बड़ा नुकसान है.

गंगोत्री और हर्षिल घाटी में जबरदस्त बर्फबारी.

सेब काश्तकारों का कहना है कि अप्रैल माह की बर्फबारी सेब उत्पादन के लिए बड़ा नुकसान बनकर आई है. हर्षिल के ग्राम प्रधान दिनेश रावत, सुक्की सेब काश्तकार संजीव सिंह का कहना है कि अप्रैल माह में सेब में फ्लावरिंग का समय होता है.

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इस समय सेब के लिए बारिश और बर्फबारी हानिकारक होती है. वहीं, अप्रैल माह में हुई इस दूसरी बर्फबारी से सेब के पेड़ों पर जो फ्लावरिंग हुई थी, वह झड़ गई है. जिससे सेब उत्पादन को भारी नुकसान हुआ है. सेब काश्तकारों ने सरकार से मांग की है कि इस नुकसान का आकलन किया जाए.

Last Updated : May 19, 2021, 1:07 PM IST
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