उत्तरकाशी: जनपद मुख्यालय से सटे वरुणाघाटी के करीब 12 गांवों की लाइफलाइन कहा जाने वाला ज्ञानशू-साल्ड-उपरिकोट मोटर मार्ग बदहाली के आंसू बहा रहा है. जबकि, इस सड़क के लिए ग्रामीणों ने कई ख्वाब सजाए हैं. मगर दुर्भाग्य ये है कि दो तकनीकी विभाग इस 18 किमी. सड़क की दशा और दिशा तक नहीं सुधार पा रहे हैं. ऐसे में इस मार्ग को यमुनोत्री राजमार्ग से जोड़ना तो दूर की ही कौड़ी लग रहा है.
करीब 18 किमी लंबा मोटर मार्ग जो कि नगर मुख्यालय के ज्ञानशू से शुरू होकर इसका वरुणाघाटी के अंतिम उपरिकोट गांव तक जाता है. इस बीच यह सड़क करीब 12 गांवों से होती हुई जाती है. यह जनपद की एक मात्र सड़क है, जिसके निर्माण से लेकर रख रखाव का जिम्मा दो विभागों के पास है.
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ज्ञानशू से लेकर कखड़ेत तक इस सड़क के रखरखाव का जिम्मा एडीबी के पास है. वहीं, कखड़ेत से लेकर उपरिकोट तक के रखरखाव का जिम्मा लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खण्ड के पास है. यह सड़क जनपद के दो विकासखंड के गांवों की लाइफलाइन है. मगर इसकी हालत को देखकर ऐसा लगता नहीं है. सड़क पर बहता पानी, जगह-जगह सड़क पर हुए गड्ढे इसकी कहानी खुद ही बयां कर रहे हैं.
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लाखों- करोड़ों लाखों का बजट खर्च होने के बावजूद भी यह सड़क बदहाली के आंसू बहा रही है. ग्रामीणों का कहना है कि साल्ड और उपरिकोट के बीच तीन स्थानों पर विभागों ने सड़क के बीच में रपटे छोड़े हैं. जो कि बरसात में विकराल रूप ले रहे हैं. जिससे वाहन चालकों और पैदल चलने वाले लोगों को बड़ी परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं.
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दो-दो विभागों के पास इस सड़क के रखरखाव का जिम्मा होने के बाद भी इसकी हालत कुछ खास नहीं है. सड़कों पर फैले कीचड़ से इसका अनुमान लगाया जा सकता है. ग्रामीणों का कहना है कि ये स्थिति वर्षों से जस की तस बनी हुई है. अधिकारी सड़क रखरखाव के नाम पर मात्र बजट की बंदरबांट कर रहे हैं.