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दम तोड़ती संचार सेवाओं के बीच मॉनसून से निपटना बड़ी चुनौती, गढ़वाल आयुक्त ने की बैठक - Monsoon preparations meeting

शुक्रवार को गढ़वाल के सभी जिलाधिकारियों के साथ मॉनसून की तैयारियों के दृष्टिगत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी ली.

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दम तोड़ती संचार सेवाओं के बीच मॉनसून से निपटना बड़ी चुनौती
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Published : Jun 12, 2021, 7:00 PM IST

उत्तरकाशी: प्रदेश में इन दिनों मॉनसून से पहले प्री मॉनसून की फुहारें देवभूमि के आंचल को भिगो रही हैं. कुछ ही दिनों में मॉनसून उत्तराखंड पहुंचने वाला है. इससे पहले प्रदेश में व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है. मॉनसून में अक्सर भारी बारिश, तूफान से अच्छा खासा नुकसान होता है. भारी बरसात के कारण पहाड़ों में संचार सेवाएं ज्यादतर बाधित होती हैं. जिन्हें दुरुस्त करने का काम इन दिनों किया जा रहा है.

गढ़वाल के दूरस्थ क्षेत्रों में बीएसएनएल की सेवा सबसे महत्वपूर्ण होती हैं. लेकिन यह कब बन्द पड़ जाए, यह कोई नहीं जानता. संचार सेवा बहाली पहाड़ों में कितनी बड़ी समस्या है. आज भी कई स्थान गढ़वाल में ऐसे हैं, जहां संचार सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं. इन सब की तस्दीक स्वयं गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन ने ईटीवी भारत से की है.

दम तोड़ती संचार सेवाओं के बीच मॉनसून से निपटना बड़ी चुनौती

पढ़ें- उत्तराखंड को सौगात: मसूरी बाईपास टनल के लिए नितिन गडकरी ने स्वीकृत किए ₹700 करोड़

रमन का कहना है कि उन्होंने बीते शुक्रवार को गढ़वाल के सभी जिलाधिकारियों के साथ मॉनसून की तैयारियों के दृष्टिगत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी ली. गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन ने कहा कि बीएसएनल के कई स्थानों पर ठेकेदार और अन्य मामलों के कारण सर्विस बन्द हैं. इसके लिए सभी जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. उसे बीएसएनल के उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा. साथ ही कई स्थान ऐसे भी हैं, जहां आज तक संचार सुविधा नहीं पहुंच पाई है. इसके लिए पुलिस सहित एसडीआरएफ की संचार व्यवस्थाओं और अन्य लोकल एजेंसियों सहित सैटेलाइट फोन जैसी व्यवस्थाएं की जा रही है.

उत्तरकाशी: प्रदेश में इन दिनों मॉनसून से पहले प्री मॉनसून की फुहारें देवभूमि के आंचल को भिगो रही हैं. कुछ ही दिनों में मॉनसून उत्तराखंड पहुंचने वाला है. इससे पहले प्रदेश में व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है. मॉनसून में अक्सर भारी बारिश, तूफान से अच्छा खासा नुकसान होता है. भारी बरसात के कारण पहाड़ों में संचार सेवाएं ज्यादतर बाधित होती हैं. जिन्हें दुरुस्त करने का काम इन दिनों किया जा रहा है.

गढ़वाल के दूरस्थ क्षेत्रों में बीएसएनएल की सेवा सबसे महत्वपूर्ण होती हैं. लेकिन यह कब बन्द पड़ जाए, यह कोई नहीं जानता. संचार सेवा बहाली पहाड़ों में कितनी बड़ी समस्या है. आज भी कई स्थान गढ़वाल में ऐसे हैं, जहां संचार सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं. इन सब की तस्दीक स्वयं गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन ने ईटीवी भारत से की है.

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रमन का कहना है कि उन्होंने बीते शुक्रवार को गढ़वाल के सभी जिलाधिकारियों के साथ मॉनसून की तैयारियों के दृष्टिगत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी ली. गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन ने कहा कि बीएसएनल के कई स्थानों पर ठेकेदार और अन्य मामलों के कारण सर्विस बन्द हैं. इसके लिए सभी जिलाधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. उसे बीएसएनल के उच्च अधिकारियों को भेजा जाएगा. साथ ही कई स्थान ऐसे भी हैं, जहां आज तक संचार सुविधा नहीं पहुंच पाई है. इसके लिए पुलिस सहित एसडीआरएफ की संचार व्यवस्थाओं और अन्य लोकल एजेंसियों सहित सैटेलाइट फोन जैसी व्यवस्थाएं की जा रही है.

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