उत्तरकाशी: राज्य की सबसे बड़ी स्योरी फल पट्टी में इन दिनों सेब के पेड़ की पत्तियां फल लगने से पहले ही झड़ने लगी हैं. जिसके कारण बागवानों के चेहरे पर परेशानी की लकीरें खींचनी शुरू हो गई हैं. बागवानों की कहना है अगर जिला उद्यान विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र ने जल्द ही इस बीमारी का उपचार नहीं किया तो उन्हें खासा नुकसान उठाना पड़ेगा.
जनपद के नौगांव विकासखण्ड में स्थित स्योरी फल पट्टी में हर साल जनपद के 20 हजार मीट्रिक टन सेब उत्पादन का करीब 4000 मीट्रिक टन सेब होता है. मगर इन दिनों यहां सेब के पेड़ों की पत्तियां फल लगने से पहले ही झड़ने लगी हैं. जिसके कारण बागवान परेशान हैं. बागवानों का कहना है अब तक सेब के पेड़ों पर फल लगने शुरू हो जाते हैं और पत्तियां फल को बड़ा करने में उसका भोजन बनाती हैं, मगर पत्तियों के झड़ जाने से पेड़ पर फल नहीं लग पा रहे हैं.
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रवांई घाटी फल एवं सब्जी उत्पादक एसोसिएशन के अध्यक्ष जगमोहन सिंह चंद का कहना है कि फल पट्टी से सैकड़ों बागवानों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है. सेब की पत्तियों पर पीलापन आने के साथ ही दाग पड़ने के बाद वह फल लगने से पहले ही झड़ रहे हैं. जिसके कारण बागवनों को रोजी-रोटी का संकट सता रहा है.
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कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. पंकज नौटियाल का कहना है कि सेब के पेड़ों पर लगने वाली इस बीमारी का नाम मार्सिनोना ब्लॉच है. जोकि पत्तियों में अन्यत्र नर्सरी से लाने और बेमौसमी बरसात के कारण लग जाती है. डॉ. नौटियाल ने ईटीवी भारत के माध्यम से बागवनों को इस बीमारी के उपचार के बारे में जानकारी दी. जिला उद्यान अधिकारी प्रभाकर सिंह का कहना है कि केवीके को पत्र लिखकर एक कमेटी बनाकर स्योरी फल पट्टी का निरीक्षण किया जाएगा.