उत्तरकाशी: सुनगड़ के समीप की पहाड़ियां एक बार फिर से लोगों के लिए परेशानियों का सबब बन गयी हैं. सोमवार सुबह सुनगड़ के समीप गंगोत्री हाईवे पर भारी भूस्खलन के कारण हाईवे बंद हो गया. भारी मलबा आने के कारण बीआरओ को मार्ग सुचारू करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. बीआरओ के अधिकारियों का कहना है कि हाईवे रात्रि 9 बजे तक खुलने की संभावना है. वहीं मार्ग बंद होने के कारण स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
गंगोत्री हाईवे बंद होने के कारण एक बार फिर गंगोत्री धाम सहित अंतरराष्ट्रीय सीमा, हर्षिल और भटवाड़ी घाटी के 11 गांवों का सम्पर्क जिला मुख्यालय से कट गया है. वहीं मार्ग बंद होने के कारण स्थानीय लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
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सुनगड़ में इस तरह चट्टानों का खिसकना कोई नई बात नहीं है. यहां बिना बरसात के चट्टानों के खिसकने की घटना होती रहती है. इसके बावजूद बीआरओ और जिला प्रशासन की और से इस समस्या के समाधान के लिए किसी प्रकार का उचित कदम नहीं उठाया गया है. कोरोनाकाल में यात्रा बंद है. अगर यात्रा जारी होती, तो यह यात्रा की तैयारियों पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता.
अंतरराष्ट्रीय सीमा समेत 11 गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा
गंगोत्री हाईवे कितना महत्वपूर्ण है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके बंद होने से अंतरराष्ट्रीय चीन-तिब्बत सीमा से संपर्क कट गया है. इलाके के 11 गांवों का संपर्क भी जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से कट गया है. गंगोत्री धाम भी इस रास्ते से कनेक्ट होता है. गंगोत्री धाम का भी संपर्क कट गया है. जहां पर लैंडस्लाइड से हाईवे बंद हुआ है वहां से अंतरराष्ट्रीय सीमा की दूरी करीब 90 किलोमीटर है.