उत्तरकाशी: चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन गंगोत्री धाम मंदिर समिति और गंगोत्री के कपाट के खुलने की तिथि की घोषणा कर दी गई है. गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 24 गते वैशाख शुक्ल पक्ष यानी 7 मई को दोपहर 11:30 बजे खोल दिए जाएंगे. गंगोत्री के कपाट खुलने के बाद श्रद्धालु 6 माह तक गंगा मैया के दर्शन कर पाएंगे. वहीं, यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि और मुहूर्त 11 अप्रैल को यमुना जयंती पर सुनिश्चित की जाएगी.
गंगा मैया को विदा करने के लिए अब मुखबा गांव के ग्रामीण 6 माह के प्रवास के बाद अपने गांव की ओर रुख करने लगे है. बता दें कि गंगा मैया शीतकाल में 6 माह तक मुखबा में प्रवास करती है. गंगा मैया को मुखबा गांव और उपला टकनोर क्षेत्र के ग्रामीण बेटी की तरह विदा करते है. गंगा की विदाई की तैयारी चैत्र नवरात्र के साथ शुरू हो जाती है. शीतकाल मे मां गंगा की भोगमूर्ति और डोली मुखबा गांव में 6 माह प्रवास करती हैं. शीतकाल के अब मुखबा गांव के ग्रामीण भी अब गांव की ओर लौट आए हैं. क्षेत्र में अधिक बर्फबारी के कारण यह ग्रामीण 6 माह के प्रवास के लिए जिला मुख्यालय आ जाते हैं.
ग्रामीण एक माह से पूर्व गंगा मैया की विदाई की तैयारी शुरू करते हैं. मां गंगा को 'कंडे' बेटी को दी जाने वाली सामग्री और फाफरे का भोग चढ़ाया जाता है. ग्रामीण नम आंखों के साथ मां गंगा को मुखबा से विदा करते हैं. साथ ही मां गंगा को छोड़ने गंगोत्री धाम तक पैदल जाते हैं.
गंगोत्री धाम मंदिर समिति के सचिव दीपक सेमवाल ने बताया कि मां गंगा की डोली भोगमूर्ति के साथ मुखबा गांव से आर्मी बैंड और ढोल के साथ 6 मई को दोपहर 12:35 पर मुखबा जांगला ट्रैक से होकर भैरोघाटी पहुंचेगी. जहां पर मां गंगा की डोली के साथ यात्री रात्रि विश्राम भैरो मंदिर में ही करेंगे. उसके बाद 7 मई को मां गंगा की डोली पैदल गंगोत्री धाम के लिए रवाना होगी. जहां पर विशेष पूजा अर्चना के बाद गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए 11:30 पर खोल दिए जाएंगे.