उत्तरकाशी: उत्तराखंड में कोरोना से हालात काफी चिंताजनक बने हुए हैं. हालांकि अब स्थिति थोड़ा नियंत्रण में है. प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के लिए हरिद्वार कुंभ को भी जिम्मेदार माना गया था. क्योंकि पूर्व मुख्यमत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने कार्यकाल में हरिद्वार कुंभ को लेकर जो पांबदियां लगाई थीं, उसमें वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने काफी ढील दी थी. इस पर जब पूर्व मुख्यमत्री त्रिवेंद्र से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह अनुभव की कमी थी. हालांकि अब कुंभ समाप्त हो चुका है तो इन बातों को भुलाना बेहतर है.
दरअसल, मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दो दिवसीय दौरे पर उत्तरकाशी पहुंचे थे. यहां उन्होंने कोरोना मरीजों के लिए जिला प्रशासन को कुछ ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन समेत कई अन्य उपकरण दिए हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि गंगोत्री के विधायक गोपाल रावत का निधन हो गया था. उनके निधन के बाद क्षेत्र की जनता और कार्यकर्ताओं को लग रहा था कि उनकी सुध कोई नहीं ले रहा है. इसीलिए वे यहां आए हैं.
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इस दौरान जब कोरोना काल में तीरथ सरकार द्वारा हरिद्वार कुंभ मेले में ढील देने को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि कुछ चीजें अनुभव से सीखने को मिलती हैं और अब कुंभ चला गया है. वहीं आयुर्वेद बनाम एलोपैथी को लेकर बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के डॉक्टरों में जो जंग छिड़ी हुई है, उसको लेकर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि ये बयान उन्होंने पढ़ा नहीं है. इसके बारे में चिकित्सा शास्त्र के लोग ज्यादा बता सकते हैं.
वहीं प्रदेश में विधायकों के निधन के बाद दो सीटें खाली हो गई हैं, जिन पर छह महीने के अंदर चुनाव होना है. इसकी तैयारियों को लेकर उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी कोविड से लड़ना प्राथमिकता है. उसके बाद चुनाव की सोची जाएगी.