उत्तरकाशीः कहा जाता है प्यार में दूरियां कोई मायने नहीं रखती, भले ही वे दूरियां सरहद पार की ही क्यों न हों. प्यार का पवित्र बंधन तो रूहानी होता है, जो दो दिलों में पनपता है. कुछ ऐसा ही चरितार्थ हुआ है सीमांत जनपद उत्तरकाशी में जहां दूल्हा तो देवभूमि का है, तो वहीं दूल्हन सात समुंदर पार से आई है. जिन्होंने बैसाखी पर्व पर काशी विश्वनाथ मंदिर में गढ़वाली रीति रिवाज से शादी की.
देवभूमि की संस्कृति से देश के ही नहीं, बल्कि विदेशी लोग भी इसके कायल हो रहे हैं. जो यहां एक बार आ जाता है वो यहीं का होकर रह जाता है. दरअसल, रविवार को बैशाखी पर्व के मौके पर रूस की रहने वाली एलेना काशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंचीं और ज्ञानशू के रहने वाले प्रभात बिष्ट के साथ गढ़वाली रीति रिवाज के साथ परिणय सूत्र में बंध गईं. इस दौरान एलेना के माता-पिता एवजीनि वेलचावर और वीरा वेलचावर ने गढ़वाली रीति रिवाज के साथ अपनी बेटी का कन्यादान किया. इस शादी समारोह में एलेना की दोस्त एरिना एल्टीमिनिका भी शामिल रहीं. इतना ही नहीं इस मौके पर दुल्हन पक्ष के परिजनों ने बारात का स्वागत गढ़वाली रीति रिवाज के साथ किया.
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बता दें कि दूल्हा प्रभात बिष्ट और दुल्हन एलेना बीके 3 सालों से दुबई में होटल में साथ ही काम करते हैं. जहां पर उनकी दोस्ती हुई. जिसके बाद दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई. वहीं, बाद में दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया. इसी को लेकर एलेना का परिवार 12 अप्रैल को उत्तरकाशी पहुंचा. दोनों पक्षों ने 13 अप्रैल को अलग-अलग जगह मेहंदी समारोह का आयोजन किया. जिसके बाद 14 अप्रैल को बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में एक-दूसरे के परिणय सूत्र में बंध गए.
वहीं, दूल्हे प्रभात बिष्ट ने बताया कि साल 2016 में उनकी मुलाकात दुबई होटल में हुई. जहां पर दोनों एक साथ काम करते हैं. इससे पहले एलेना दो बार भारतीय रीति रिवाज को समझने के लिए उत्तरकाशी भी आईं थीं. जिसके बाद एलेना ने स्थानीय रीति रिवाज के साथ विवाह करने का निर्णय लिया.