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पहाड़ी नौने ने लाई सात समंदर पार से दुल्हन, गढ़वाली रीति रिवाज से की शादी

बैशाखी पर्व के मौके पर रूस की रहने वाली एलेना काशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंचीं और ज्ञानशू के रहने वाले प्रभात बिष्ट के साथ गढ़वाली रीति रिवाज के साथ परिणय सूत्र में बंध गईं.

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Published : Apr 15, 2019, 9:52 AM IST

Updated : Apr 15, 2019, 11:48 AM IST

रूस की एलेना और ज्ञानशू के प्रभात बिष्ट.

उत्तरकाशीः कहा जाता है प्यार में दूरियां कोई मायने नहीं रखती, भले ही वे दूरियां सरहद पार की ही क्यों न हों. प्यार का पवित्र बंधन तो रूहानी होता है, जो दो दिलों में पनपता है. कुछ ऐसा ही चरितार्थ हुआ है सीमांत जनपद उत्तरकाशी में जहां दूल्हा तो देवभूमि का है, तो वहीं दूल्हन सात समुंदर पार से आई है. जिन्होंने बैसाखी पर्व पर काशी विश्वनाथ मंदिर में गढ़वाली रीति रिवाज से शादी की.


देवभूमि की संस्कृति से देश के ही नहीं, बल्कि विदेशी लोग भी इसके कायल हो रहे हैं. जो यहां एक बार आ जाता है वो यहीं का होकर रह जाता है. दरअसल, रविवार को बैशाखी पर्व के मौके पर रूस की रहने वाली एलेना काशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंचीं और ज्ञानशू के रहने वाले प्रभात बिष्ट के साथ गढ़वाली रीति रिवाज के साथ परिणय सूत्र में बंध गईं. इस दौरान एलेना के माता-पिता एवजीनि वेलचावर और वीरा वेलचावर ने गढ़वाली रीति रिवाज के साथ अपनी बेटी का कन्यादान किया. इस शादी समारोह में एलेना की दोस्त एरिना एल्टीमिनिका भी शामिल रहीं. इतना ही नहीं इस मौके पर दुल्हन पक्ष के परिजनों ने बारात का स्वागत गढ़वाली रीति रिवाज के साथ किया.

शादी के पवित्र बंधन में बंधे रूस की एलेना और ज्ञानशू के प्रभात बिष्ट.

ये भी पढ़ेंः AIIMS कर्मचारी के पिता पेट्रोल की बोतल लेकर छत पर चढ़े, दी आत्मदाह की चेतावनी

बता दें कि दूल्हा प्रभात बिष्ट और दुल्हन एलेना बीके 3 सालों से दुबई में होटल में साथ ही काम करते हैं. जहां पर उनकी दोस्ती हुई. जिसके बाद दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई. वहीं, बाद में दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया. इसी को लेकर एलेना का परिवार 12 अप्रैल को उत्तरकाशी पहुंचा. दोनों पक्षों ने 13 अप्रैल को अलग-अलग जगह मेहंदी समारोह का आयोजन किया. जिसके बाद 14 अप्रैल को बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में एक-दूसरे के परिणय सूत्र में बंध गए.


वहीं, दूल्हे प्रभात बिष्ट ने बताया कि साल 2016 में उनकी मुलाकात दुबई होटल में हुई. जहां पर दोनों एक साथ काम करते हैं. इससे पहले एलेना दो बार भारतीय रीति रिवाज को समझने के लिए उत्तरकाशी भी आईं थीं. जिसके बाद एलेना ने स्थानीय रीति रिवाज के साथ विवाह करने का निर्णय लिया.

उत्तरकाशीः कहा जाता है प्यार में दूरियां कोई मायने नहीं रखती, भले ही वे दूरियां सरहद पार की ही क्यों न हों. प्यार का पवित्र बंधन तो रूहानी होता है, जो दो दिलों में पनपता है. कुछ ऐसा ही चरितार्थ हुआ है सीमांत जनपद उत्तरकाशी में जहां दूल्हा तो देवभूमि का है, तो वहीं दूल्हन सात समुंदर पार से आई है. जिन्होंने बैसाखी पर्व पर काशी विश्वनाथ मंदिर में गढ़वाली रीति रिवाज से शादी की.


देवभूमि की संस्कृति से देश के ही नहीं, बल्कि विदेशी लोग भी इसके कायल हो रहे हैं. जो यहां एक बार आ जाता है वो यहीं का होकर रह जाता है. दरअसल, रविवार को बैशाखी पर्व के मौके पर रूस की रहने वाली एलेना काशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंचीं और ज्ञानशू के रहने वाले प्रभात बिष्ट के साथ गढ़वाली रीति रिवाज के साथ परिणय सूत्र में बंध गईं. इस दौरान एलेना के माता-पिता एवजीनि वेलचावर और वीरा वेलचावर ने गढ़वाली रीति रिवाज के साथ अपनी बेटी का कन्यादान किया. इस शादी समारोह में एलेना की दोस्त एरिना एल्टीमिनिका भी शामिल रहीं. इतना ही नहीं इस मौके पर दुल्हन पक्ष के परिजनों ने बारात का स्वागत गढ़वाली रीति रिवाज के साथ किया.

शादी के पवित्र बंधन में बंधे रूस की एलेना और ज्ञानशू के प्रभात बिष्ट.

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बता दें कि दूल्हा प्रभात बिष्ट और दुल्हन एलेना बीके 3 सालों से दुबई में होटल में साथ ही काम करते हैं. जहां पर उनकी दोस्ती हुई. जिसके बाद दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई. वहीं, बाद में दोनों ने शादी करने का निर्णय लिया. इसी को लेकर एलेना का परिवार 12 अप्रैल को उत्तरकाशी पहुंचा. दोनों पक्षों ने 13 अप्रैल को अलग-अलग जगह मेहंदी समारोह का आयोजन किया. जिसके बाद 14 अप्रैल को बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में एक-दूसरे के परिणय सूत्र में बंध गए.


वहीं, दूल्हे प्रभात बिष्ट ने बताया कि साल 2016 में उनकी मुलाकात दुबई होटल में हुई. जहां पर दोनों एक साथ काम करते हैं. इससे पहले एलेना दो बार भारतीय रीति रिवाज को समझने के लिए उत्तरकाशी भी आईं थीं. जिसके बाद एलेना ने स्थानीय रीति रिवाज के साथ विवाह करने का निर्णय लिया.

Intro:हेडलाइन- उत्तरकाशी की रूसी दुल्हन। Slug- Uk_uttarkashi_vipin negi_foreigner bride of uttarkashi_14 april 2019. नोट- इस खबर के वीडियो और बाईट मेल से भेजे गए हैं। उत्तरकाशी। बैशाखी के सुअवसर पर रूस निवासी एलेना काशी विश्वनाथ मंदिर में गढ़वाली रीति रिवाज से ज्ञानशू निवासी प्रभात बिष्ट के साथ परिणय सूत्र में बंध गए। इस अवसर पर एलेना के माता पिता एवजीनि वेलचावर और वीरा वेलचावर ने गढ़वाली रीति रिवाज के साथ अपनी बेटी का कन्यादान किया। शादी समारोह में करीब 40 से 50 लोग शामिल हुए। जिसमें एलेना की दोस्त एरिना एल्टीमिनिका भी शामिल थी। दूल्हा प्रभात बिष्ट और दुल्हन एलेना विगत 3 वर्षों से दुबई में होटल में साथ ही काम करते हैं। वहीं से प्रेम कहानी शुरू हुई और बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में विवाह के बाद दोनों ने एक नई पारी की शुरुआत की है।


Body:वीओ-2, रविवार दोपहर ज्ञानशू के प्रभात बिष्ट बारात लेकर बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर में पहुंचे। जहां पर दुल्हन पक्ष के रूस निवासी एवजीनि वेलचावर परिवार ने बारात का स्वागत गढ़वाली रीति रिवाज के साथ किया और उसके बाद दूल्हा प्रभात बिष्ट और रूस निवासी एलेना गढ़वाली रीति रिवाज के साथ सात फेरे लेने के बाद परिणय सूत्र में बंध गए। इस मौके पर एलेना के माता पिता ने बेटी का कन्यादान किया। साथ ही रूसी दुल्हन को देखने के लिए स्थानिय लोग भी उत्साहित थे। एलेना का परिवार 12 अप्रैल को उत्तरकाशी पहुंचा। 13 अप्रैल को दोनों पक्षों ने अलग अलग जगह मेहंदी समारोह का आयोजन किया और 14 अप्रैल को बाबा काशी विश्वनाथ के आशीर्वाद से परिणय सूत्र में बंध गए।


Conclusion:वीओ-2, दूल्हे प्रभात बिष्ट ने बताया कि 2016 में उनकी मुलाकात दुबई होटल में हुई। जहाँ पर दोनों साथ ही काम करते हैं। उसके बाद एलेना दो बार भारतीय रीति रिवाज को समझने के लिए उत्तरकाशी भी आई और एलेना ने निर्णय लिया कि वह स्थानीय रीति रिवाज के साथ ही विवाह करेंगी। बाईट- प्रभात बिष्ट,दूल्हा।
Last Updated : Apr 15, 2019, 11:48 AM IST
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