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देवभूमि की संस्कृति और विरासत से रूबरू हुआ मैक्सिको का दल, खूबसूरत नजारे देख बोल उठे वाह

बड़कोट तहसील के स्यालना गांव में मैक्सिको का 15 सदस्यीय छात्र दल पहुंचा. इस दल ने ग्रामीण जीवन शैली को करीब से देखा.

मैक्सिको
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Published : Jan 14, 2020, 3:14 PM IST

उत्तरकाशीः जिले की बड़कोट तहसील के स्यालना गांव में मैक्सिको का 15 सदस्यीय छात्र दल पहुंचा. इस दल ने ग्रामीण जीवन शैली को करीब से देखा. साथ ही छात्र देवभूमि की संस्कृति व सामाजिक सरोकारों से भी रूबरू हुए. दल के छात्रों व अन्य सदस्यों के अनुसार ठेठ पहाड़ी जीवन शैली ने उन्हें एक नए अनुभव का एहसास कराया है. कई छात्रों ने पहली बार बर्फ देखकर इन खूबसूरत नजारों का दीदार किया. वहीं बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठाया.

देवभूमि की संस्कृति और विरासत से रूबरू हुआ मैक्सिको का दल.

गढ़वाल हिमालयास टूर एन्ड ट्रेवल्स बड़कोट के डायरेक्टर नवीन गोदियाल ने बताया कि शैक्षणिक गतिविधि, ग्रामीण संस्कृति और सामाजिक सरोकारों से रूबरू कराने के उद्देश्य से मैक्सिको के छात्रों का यह दल भ्रमण के लिए स्यालना गांव आया हुआ है.

इस दल ने स्यालना गांव में होमस्टे के तहत रहकर ग्रामीण जीवनशैली व संस्कृति के अनुरूप जीवन बिताया और नए अनुभव का एहसास किया. इन छात्रों ने गांव में चूल्हे में खाना बनाने से लेकर घरेलू कार्यों में गांव की महिलाओं एवं बच्चों के साथ काम किया.खासकर छात्राएं यहां की पहाड़ी संस्कृति से बेहद प्रभावित हुई हैं. विदेशी छात्रों ने स्कूली बच्चों के साथ योग ध्यान भी किया.

मैक्सिको की छात्राओं ने ग्रामीणों के साथ बर्फबारी का खूब लुत्फ उठाया तथा बर्फ के दौरान प्रतिकूल परिस्थितियों में भी किस तरह पहाड़ी जीवनशैली को बेहतर ढंग से जिया जाता है, इसकी जानकारी ली.

यह भी पढ़ेंः VIDEO: उत्तरायणी मेले में पारंपरिक नृत्य करते दिखे हरदा, गाया कुमाऊंनी झोड़ा-चांचरी

इन छात्रों ने बताया कि स्यालना गांव के ग्रामीणों एवं महिलाओं से उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला है. गांव के सामाजिक परिवेश एवं संस्कृति को नजदीकी से देखने के सात ही विदेशी छात्रों के लिए यादगार बन गए.

उत्तरकाशीः जिले की बड़कोट तहसील के स्यालना गांव में मैक्सिको का 15 सदस्यीय छात्र दल पहुंचा. इस दल ने ग्रामीण जीवन शैली को करीब से देखा. साथ ही छात्र देवभूमि की संस्कृति व सामाजिक सरोकारों से भी रूबरू हुए. दल के छात्रों व अन्य सदस्यों के अनुसार ठेठ पहाड़ी जीवन शैली ने उन्हें एक नए अनुभव का एहसास कराया है. कई छात्रों ने पहली बार बर्फ देखकर इन खूबसूरत नजारों का दीदार किया. वहीं बर्फबारी का जमकर लुत्फ उठाया.

देवभूमि की संस्कृति और विरासत से रूबरू हुआ मैक्सिको का दल.

गढ़वाल हिमालयास टूर एन्ड ट्रेवल्स बड़कोट के डायरेक्टर नवीन गोदियाल ने बताया कि शैक्षणिक गतिविधि, ग्रामीण संस्कृति और सामाजिक सरोकारों से रूबरू कराने के उद्देश्य से मैक्सिको के छात्रों का यह दल भ्रमण के लिए स्यालना गांव आया हुआ है.

इस दल ने स्यालना गांव में होमस्टे के तहत रहकर ग्रामीण जीवनशैली व संस्कृति के अनुरूप जीवन बिताया और नए अनुभव का एहसास किया. इन छात्रों ने गांव में चूल्हे में खाना बनाने से लेकर घरेलू कार्यों में गांव की महिलाओं एवं बच्चों के साथ काम किया.खासकर छात्राएं यहां की पहाड़ी संस्कृति से बेहद प्रभावित हुई हैं. विदेशी छात्रों ने स्कूली बच्चों के साथ योग ध्यान भी किया.

मैक्सिको की छात्राओं ने ग्रामीणों के साथ बर्फबारी का खूब लुत्फ उठाया तथा बर्फ के दौरान प्रतिकूल परिस्थितियों में भी किस तरह पहाड़ी जीवनशैली को बेहतर ढंग से जिया जाता है, इसकी जानकारी ली.

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इन छात्रों ने बताया कि स्यालना गांव के ग्रामीणों एवं महिलाओं से उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला है. गांव के सामाजिक परिवेश एवं संस्कृति को नजदीकी से देखने के सात ही विदेशी छात्रों के लिए यादगार बन गए.

Intro:उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले की बड़कोट तहसील के स्यालना गांव में मैक्सिको के 15 सदस्यीय छात्र दल ने रवाईं ग्रामीण जीवन शैली को बखूबी जिया और छात्र यहां की संस्कृति व सामाजिक सरोकारों से भी रूबरू हुए । दल के छात्रों व अन्य सदस्यों ने अनुसार ठेठ पहाड़ी जीवन शैली में जीने की कला को सीख कर उन्हें एक नए अनुभव का एहसास कराया है। कई छात्रों ने पहली बार बर्फ देखकर बर्फ के इन खूबसूरत नजरों का दीदार किया और रोमांचित होकर खूब आनंद लिया।Body:वीओ-1, गढ़वाल हिमालयास टूर एन्ड ट्रेवल्स बड़कोट के डायरेक्टर नवीन गोदियाल ने बताया कि शैक्षणिक गतिविधियों एवं ग्रामीण संस्कृति व सामाजिक सरोकारों व सभ्यता व कार्यों से रूबरू कराने के उद्देश्य से मैक्सिको के छात्रों का यह दल भ्रमण के लिए स्यालना गांव आया हुआ है। जिन्होंने स्यालना गांव में होमस्टे के तहत रह कर ग्रामीण जीवन शैली व संस्कृति के अनुरूप जीवन बिताया तथा यहां एक नए अनुभव का एहसास किया। स्यालना गांव पहुंचे इन छात्रों ने गांव में चूल्हे में खाना बनाने से लेकर घरेलू कार्यों में गांव की महिलाओं एवं बच्चों के साथ काम किया। छात्राएं यहां की पहाड़ी संस्कृति से बेहद प्रभावित हुई हैं। विदेशी छात्रों ने स्कूली बच्चों के साथ योग ध्यान भी किया।Conclusion:वीओ-2, शैक्षणिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को जानने के लिए स्यालना गांव पहुंचे मेक्सिको के छात्राओं ने ग्रामीणों के साथ बर्फबारी का खूब लुफ्त उठाया तथा बर्फ के दौरान प्रतिकूल परिस्थितियों में भी किस तरह पहाड़ी जीवन शैली को बेहतर ढंग से जिया जाता है, इसका इन छात्रों ने स्यालना गांव के ग्रामीणों एवं महिलाओं से बहुत कुछ सीखने को मिला है। गांव के सामाजिक परिवेश एवं संस्कृति को नजदीकी से देखने के अवसर छात्रों को यादगार बना गए।
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