उत्तरकाशी: फायर सीजन के लिए वन विभाग के लाख दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं. आग से निपटने के लिए खरीदे गए संसाधन मात्र मास्टर कंट्रोल रूम की शोभा बढ़ा रहे हैं. जिले में वनाअग्नि की एक घटना ने वन विभाग की तैयारियों की एक बार फिर से पोल खोल दी है.
दरअसल, बीते रविवार शाम को नगर क्षेत्र के ज्ञानशू के समीप जंगल में एक जगह आग लग गई. सूचना पर नजदीक स्थित साल्ड कंट्रोल रूम से एक मात्र वन कर्मचारी ही आग बुझाने के लिए मौके पर पहुंचा. वन कर्मचारी को अकेला देख वहां पर घूम रहे दो ग्रामीण किशोरों ने वन कर्मचारी की मदद की. बताया जा रहा है कि अगर किशोर मदद नहीं करते तो आग ऊपर सड़क तक पहुंच जाती.
इस घटना ने एक बार फिर वन विभाग की फायर सीजन को लेकर की गई तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. बताया जा रहा है कि आग बुझाने पहुंचा कर्मचारी बिना संसाधनों के ही आग बुझाने के लिए पहुंचा था.
वन विभाग के उच्च अधिकारियों की मानें तो उत्तरकाशी वन प्रभाग ने 7 लाख की लागत से वनों में लगी आग से निपटने के लिए संसाधन खरीदे हैं. लेकिन वह संसाधन मात्र वन विभाग के कंट्रोल रूमों की ही शोभा बढ़ा रहे हैं. वन विभाग की यह लापरवाही वन संपदा को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है.