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सिंचाई विभाग की जर्जर कॉलोनी में चल रहा अग्निशमन विभाग का ऑफिस, कर्मचारियों में दहशत

Fire department office running in dilapidated building बड़कोट में सिंचाई विभाग के जर्जर भवन में अग्निशमन विभाग का ऑफिस चल रहा है. साथ ही जर्जर भवनों में दरारें आने के कारण रहने वाले कर्मचारियों में दहशत है. पढ़ें पूरी खबर..

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 7, 2023, 9:53 PM IST

उत्तरकाशी: पिछले डेढ़ दशक से नगर पालिका बड़कोट में अग्निशमन विभाग का कार्यालय सिंचाई विभाग के जर्जर भवन में चल रहा है. भवनों का हाल कुछ ऐसा है कि इन पर बड़ी-बड़ी दरारें देखने को मिल रही हैं. वहीं, घाटी में आ रहे भूकंप के झटकों से जर्जर भवनों में रहने वाले कर्मचारियों में दहशत का माहौल है.

पूर्व मुख्यमंत्री रहे एनडी तिवारी की सरकार में उत्तरकाशी के रवांई घाटी में अग्निशमन विभाग की स्थापना हुई थी. विभाग के पास भूमि और भवन ना होने के कारण सिंचाई विभाग के लावारिश पड़े भवनों में ही विभाग को स्थापित किया गया. जिसके अधिकांश कमरे वर्तमान समय में खराब हालत में हैं. विभाग के आधा दर्जन भवनों में विभागीय कार्यालय के साथ कुछ विभाग के कर्मचारी भी रह रहे हैं, लेकिन उक्त क्षेत्र आपदा के लिहाज से संवेदनशील हैं.

कर्मचारी ने बताया कि उन्हें जर्जर भवनों में नींद नहीं आती है. परिवार सहित रहने वाले कर्मचारी मजबूरी में जर्जर भवनों को छोड़कर किराए के कमरों में रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब भूकंप के झटके आते हैं, तो उन्हें भवन के अंदर आने में भी डर लगता है.

ये भी पढ़ें: हल्द्वानी में गिरासू भवन दे रहे हादसों को न्योता, 'यमराज' बनकर खड़ी हैं कई जर्जर इमारतें

अग्निशमन अधिकारी सूरत सिंह चौहान ने बताया कि कॉलोनी के कुछ हिस्से को अग्निशमन विभाग को हस्तांतरित करने के लिए पत्राचार किया गया है. जिससे जर्जर भवनों को दुरूस्त कर उन्हें रहने लायक सुरक्षित बनाया जा सके.

ये भी पढ़ें: मसूरी में जर्जर भवन का हिस्सा गिरा, बाल-बाल बची कई जिंदगियां

उत्तरकाशी: पिछले डेढ़ दशक से नगर पालिका बड़कोट में अग्निशमन विभाग का कार्यालय सिंचाई विभाग के जर्जर भवन में चल रहा है. भवनों का हाल कुछ ऐसा है कि इन पर बड़ी-बड़ी दरारें देखने को मिल रही हैं. वहीं, घाटी में आ रहे भूकंप के झटकों से जर्जर भवनों में रहने वाले कर्मचारियों में दहशत का माहौल है.

पूर्व मुख्यमंत्री रहे एनडी तिवारी की सरकार में उत्तरकाशी के रवांई घाटी में अग्निशमन विभाग की स्थापना हुई थी. विभाग के पास भूमि और भवन ना होने के कारण सिंचाई विभाग के लावारिश पड़े भवनों में ही विभाग को स्थापित किया गया. जिसके अधिकांश कमरे वर्तमान समय में खराब हालत में हैं. विभाग के आधा दर्जन भवनों में विभागीय कार्यालय के साथ कुछ विभाग के कर्मचारी भी रह रहे हैं, लेकिन उक्त क्षेत्र आपदा के लिहाज से संवेदनशील हैं.

कर्मचारी ने बताया कि उन्हें जर्जर भवनों में नींद नहीं आती है. परिवार सहित रहने वाले कर्मचारी मजबूरी में जर्जर भवनों को छोड़कर किराए के कमरों में रह रहे हैं. उन्होंने बताया कि जब भूकंप के झटके आते हैं, तो उन्हें भवन के अंदर आने में भी डर लगता है.

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अग्निशमन अधिकारी सूरत सिंह चौहान ने बताया कि कॉलोनी के कुछ हिस्से को अग्निशमन विभाग को हस्तांतरित करने के लिए पत्राचार किया गया है. जिससे जर्जर भवनों को दुरूस्त कर उन्हें रहने लायक सुरक्षित बनाया जा सके.

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