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सामरिक महत्व के गांवों को फिर से आबाद करने की कवायद तेज, जल्द होगा सर्वे - uttarkashi latest news

सामरिक महत्व के गांवों को फिर से आबाद करने की कवायद तेज हो गई है. उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने इसके लिए कमर कस ली है.डीएम मयूर दीक्षित ने अधिकारियों और ग्रामीणों के साथ बैठक कर इन गांवों को खेती व अन्य व्यावसायिक गतिविधियों से जोड़ने पर चर्चा की.

Uttarkashi
सामरिक महत्व के गांवों को फिर से आबाद करने की कवायद तेज
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Published : Mar 26, 2022, 6:58 AM IST

उत्तरकाशी: भारत-चीन सीमा से सटे जादुंग और नेलांग के गांवों को फिर से आबाद करने के लिए जिला प्रशासन कवायद तेज कर दी है. डीएम मयूर दीक्षित ने अधिकारियों और ग्रामीणों के साथ बैठक कर इन गांवों को खेती व अन्य व्यावसायिक गतिविधियों से जोड़ने पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से इन गांवों का आबाद रहना बेहद जरूरी है. जल्द ही गांवों का संयुक्त सर्वे कराया जाएगा.

कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम दीक्षित ने ग्राम जादुंग व नेलांग के विस्थापित ग्रामीणों समेत आर्मी,आईटीबीपी, राजस्व, वन विभाग, उद्यान, पशुपालन, लोनिवि, विद्युत आदि विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि वे फिर से अपने गांव को आबाद देखना चाहते हैं. गांव में खेती और अन्य गतिविधियों से जुड़ने के लिए प्रशासन का सहयोग जरूरी है. वहीं बैठक में आईटीबीपी और आर्मी सहित विभागीय अधिकारियों ने विस्थापित ग्रामीणों को आवश्यक सहयोग प्रदान करने की संस्तुति रखी. बैठक में डीएम ने आगामी 28 व 29 मार्च को ग्राम जादुंग का संयुक्त सर्वे करने और माह अप्रैल में ग्राम नेलांग का संयुक्त सर्वे करने के अधिकारियों को निर्देश दिए.

पढ़ें-यूनिफॉर्म सिविल कोड पर प्रीतम सिंह ने सरकार को घेरा, बोले- जनता को मूल मुद्दों से भटका रही भाजपा

बता दें कि साल 1962 में भारत चीन युद्ध के समय ग्राम जादुंग व नेलांग के निवासियों को सुरक्षा की दृष्टि से ग्राम बगोरी व वीरपुर डुण्डा में विस्थापित किया गया था. तब से विस्थापित ग्रामीण जनपद के ग्राम बगोरी व वीरपुर डुण्डा में निवासरत हैं. बैठक में सीडीओ गौरव कुमार, उप निदेशक गंगोत्री नेशनल पार्क रंगनाथ पांडेय, एसपी पीके राय, आईटीबीपी सेनानी अशोक सिंह बिष्ट,आर्मी से मेजर भारत यादव आदि मौजूद थे.

उत्तरकाशी: भारत-चीन सीमा से सटे जादुंग और नेलांग के गांवों को फिर से आबाद करने के लिए जिला प्रशासन कवायद तेज कर दी है. डीएम मयूर दीक्षित ने अधिकारियों और ग्रामीणों के साथ बैठक कर इन गांवों को खेती व अन्य व्यावसायिक गतिविधियों से जोड़ने पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि सामरिक दृष्टि से इन गांवों का आबाद रहना बेहद जरूरी है. जल्द ही गांवों का संयुक्त सर्वे कराया जाएगा.

कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम दीक्षित ने ग्राम जादुंग व नेलांग के विस्थापित ग्रामीणों समेत आर्मी,आईटीबीपी, राजस्व, वन विभाग, उद्यान, पशुपालन, लोनिवि, विद्युत आदि विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में ग्रामीणों ने कहा कि वे फिर से अपने गांव को आबाद देखना चाहते हैं. गांव में खेती और अन्य गतिविधियों से जुड़ने के लिए प्रशासन का सहयोग जरूरी है. वहीं बैठक में आईटीबीपी और आर्मी सहित विभागीय अधिकारियों ने विस्थापित ग्रामीणों को आवश्यक सहयोग प्रदान करने की संस्तुति रखी. बैठक में डीएम ने आगामी 28 व 29 मार्च को ग्राम जादुंग का संयुक्त सर्वे करने और माह अप्रैल में ग्राम नेलांग का संयुक्त सर्वे करने के अधिकारियों को निर्देश दिए.

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बता दें कि साल 1962 में भारत चीन युद्ध के समय ग्राम जादुंग व नेलांग के निवासियों को सुरक्षा की दृष्टि से ग्राम बगोरी व वीरपुर डुण्डा में विस्थापित किया गया था. तब से विस्थापित ग्रामीण जनपद के ग्राम बगोरी व वीरपुर डुण्डा में निवासरत हैं. बैठक में सीडीओ गौरव कुमार, उप निदेशक गंगोत्री नेशनल पार्क रंगनाथ पांडेय, एसपी पीके राय, आईटीबीपी सेनानी अशोक सिंह बिष्ट,आर्मी से मेजर भारत यादव आदि मौजूद थे.

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