पुरोला: प्रदेश सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में टूरिज्म को बढ़ावा देने और स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए साल 2013 में पहाड़ी कन्दराओं में ईको हट्स का निर्माण कराया था. इन हट्स के निर्माण करवाने का मकसद राज्य में पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देना था. साथ ही देश-विदेश के पर्यटकों को अच्छी सुविधा मिल सके, लेकिन सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण करोड़ों रुपये की विलायती लकड़ियों से बने ईको हट्स निर्माण के छह साल बाद भी खंडहर होने को मजबूर हैं.
विकासखंड मोरी के गोविंद वन्य जीव विहार क्षेत्र के सांकरी, तालुका, ओसला, हरकीदून में उत्तर प्रदेश निर्माण निगम द्वारा साल 2013 में लगभग 12 करोड़ की लागत से ईको हट्स का निर्माण कराया गया था. इस निर्माण में गजब की बात ये है कि ये पूरी तरह से विदेशी लकड़ियों से निर्मित हैं, जबकि स्थानीय स्तर पर बेशकीमती लकड़ियों की भरमार है.
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इस ईको हट्स को बनाने का मकसद राज्य में युवाओं को ईको टूरिज्म से जोड़ने और स्थानीय स्तर पर रोजगार की सुविधा उपलब्ध करवाना था, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते ईको हट्स जर्जर हो चुकी हैं लेकिन विभाग इसकी सुध लेने को भी तैयार नहीं है.