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बहुद्देशीय शिविर में नहीं पहुंचे विशेषज्ञ, मायूस लौटे दिव्यांग - Multipurpose Camp at Purola

पुरोला में लगाये बहुद्देशीय शिविर में दिव्यांगजनों को मायूस होकर लौटना पड़ा. वहीं, दूरस्थ क्षेत्र के ग्रामीण भी नाराज नजर आये.

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बहुद्देशीय शिविर से मायूस लौटे दिव्यांगजन
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Published : Oct 28, 2020, 10:17 PM IST

उत्तरकाशी: जिला प्रशासन की ओर से बुधवार को पुरोला विकासखण्ड मुख्यालय में बहुद्देशीय शिविर का आयोजन किया गया. पुरोला के शिविर में दिव्यांगजनों की परेशानी खत्म नहीं हुई. बड़कोट नौगांव की तरह ही पुरोला में अधिकांश दिव्यांगजनों को निराश लौटना पड़ा. यहां मानसिक सहित गला, नाक कान आदि के विशेषज्ञों की सुविधाएं दिव्यांगजनों को नहीं मिल पाई.

बहुद्देशीय शिविर से मायूस लौटे दिव्यांगजन

वहीं, शिविर के आयोजन पर विकासखण्ड के सबसे दूरस्थ क्षेत्र सर बडियार के स्थानीय लोगों ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि आज भी सर बडियार क्षेत्र में सड़क नहीं पहुंच पाई है. जिसके कारण सर बडियार क्षेत्र के ग्रामीण इस शिविर का किसी प्रकार का लाभ नहीं ले पाए. इसलिए स्थानीय ग्रामीणों ने मांग की है कि दूरस्थ क्षेत्रों के लिए उन्हीं के इलाकों में इस तरह के शिविर का आयोजन करना चाहिए. जिससे कि ग्रामीणों को इसका लाभ मिल सके.

पढ़ें- प्राकृतिक गैस से जलेगी सती कुंड की ज्योति, 52 शक्तिपीठों की है जननी

पुरोला बहुद्देशीय शिविर में दिव्यांगजनो को मात्र हड्डी और आंख के ही विशेषज्ञ मिल पाए. पूरे बहुद्देशीय शिविर में 179 आवेदन पत्र पंजीकृत हुए. जिसमें से 64 का ही मौके पर निस्तारण हो पाया. वहीं, इन अव्यवस्थाओं के बीच स्थानीय लोगों ने दिव्यांगजनों से जुड़ी सभी बीमारियों से सम्बंधित विशेषज्ञों को इस प्रकार के शिविरों में मौजूद रहने की बात कही.

उत्तरकाशी: जिला प्रशासन की ओर से बुधवार को पुरोला विकासखण्ड मुख्यालय में बहुद्देशीय शिविर का आयोजन किया गया. पुरोला के शिविर में दिव्यांगजनों की परेशानी खत्म नहीं हुई. बड़कोट नौगांव की तरह ही पुरोला में अधिकांश दिव्यांगजनों को निराश लौटना पड़ा. यहां मानसिक सहित गला, नाक कान आदि के विशेषज्ञों की सुविधाएं दिव्यांगजनों को नहीं मिल पाई.

बहुद्देशीय शिविर से मायूस लौटे दिव्यांगजन

वहीं, शिविर के आयोजन पर विकासखण्ड के सबसे दूरस्थ क्षेत्र सर बडियार के स्थानीय लोगों ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि आज भी सर बडियार क्षेत्र में सड़क नहीं पहुंच पाई है. जिसके कारण सर बडियार क्षेत्र के ग्रामीण इस शिविर का किसी प्रकार का लाभ नहीं ले पाए. इसलिए स्थानीय ग्रामीणों ने मांग की है कि दूरस्थ क्षेत्रों के लिए उन्हीं के इलाकों में इस तरह के शिविर का आयोजन करना चाहिए. जिससे कि ग्रामीणों को इसका लाभ मिल सके.

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पुरोला बहुद्देशीय शिविर में दिव्यांगजनो को मात्र हड्डी और आंख के ही विशेषज्ञ मिल पाए. पूरे बहुद्देशीय शिविर में 179 आवेदन पत्र पंजीकृत हुए. जिसमें से 64 का ही मौके पर निस्तारण हो पाया. वहीं, इन अव्यवस्थाओं के बीच स्थानीय लोगों ने दिव्यांगजनों से जुड़ी सभी बीमारियों से सम्बंधित विशेषज्ञों को इस प्रकार के शिविरों में मौजूद रहने की बात कही.

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