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उत्तरकाशी: ग्रामीण वृक्ष को भगवान मान करते हैं पूजा, पढ़े पूरी खबर

उत्तरकाशी के एक छोटे से गांव दिगथोल में पेड़ की पूजा की जाती है. ग्रामीणों का मानना है कि यह उनकी आस्था का केंद्र हैं. इसलिए उनके गांव में कोई भी मंदिर नहीं है.

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उत्तरकाशी न्यूज
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Published : Jun 5, 2020, 10:19 PM IST

उत्तरकाशी: विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर देशभर में जगह-जगह वृक्षारोपण किया गया तो वहीं उत्तरकाशी जनपद के धनारी पट्टी के छोटे से गांव दिगथोल में पेड़ की पूजा की जाती है. गांव के लोग इस पेड़ को सिल्की माता कहकर पुकारते हैं.

'पर्यावरण संरक्षण' की मिसाल बना दिगथोल गांव

बता दें, दिगथोल गांव के लोग पीढ़ी-दर-पीढ़ी इस पेड़ की पूजा करते आ रहे हैं. उनका मानना है कि इस पेड़ की पूजा करने के उनके गांव में कोई भी संकट नहीं आता है. गांव में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है. यही कारण है कि दिगथोल गांव में किसी भी देवी-देवता का मंदिर नहीं है, बल्कि पेड़ ही आस्था का केंद्र है.

पढ़ें- उत्तराखंड के सबसे बड़े बायोडायवर्सिटी पार्क का उद्घाटन, लोग संरक्षित वृक्षों का कर सकेंगे दीदार

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कोई भी धार्मिक अनुष्ठान होता है तो लोग इसी पेड़ की पूजा करते हैं. यह पेड़ साल भर हरा-भरा रहता है और साल में दो बार फूल खिलते हैं. ग्रामीणों की मानें तो गांव के पास ही पानी के प्राकृतिक स्रोत हैं. इसलिए गांव में कभी भी पानी की कमी नहीं रहती है.

उत्तरकाशी: विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर देशभर में जगह-जगह वृक्षारोपण किया गया तो वहीं उत्तरकाशी जनपद के धनारी पट्टी के छोटे से गांव दिगथोल में पेड़ की पूजा की जाती है. गांव के लोग इस पेड़ को सिल्की माता कहकर पुकारते हैं.

'पर्यावरण संरक्षण' की मिसाल बना दिगथोल गांव

बता दें, दिगथोल गांव के लोग पीढ़ी-दर-पीढ़ी इस पेड़ की पूजा करते आ रहे हैं. उनका मानना है कि इस पेड़ की पूजा करने के उनके गांव में कोई भी संकट नहीं आता है. गांव में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है. यही कारण है कि दिगथोल गांव में किसी भी देवी-देवता का मंदिर नहीं है, बल्कि पेड़ ही आस्था का केंद्र है.

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ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कोई भी धार्मिक अनुष्ठान होता है तो लोग इसी पेड़ की पूजा करते हैं. यह पेड़ साल भर हरा-भरा रहता है और साल में दो बार फूल खिलते हैं. ग्रामीणों की मानें तो गांव के पास ही पानी के प्राकृतिक स्रोत हैं. इसलिए गांव में कभी भी पानी की कमी नहीं रहती है.

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