उत्तरकाशी: गंगोरी में गंगोत्री हाईवे पर आपदा आए 6 वर्ष बीत गए हैं. लेकिन आज तक बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन और प्रशासन अस्सी गंगा पर एक अदद पक्के पुल का निर्माण नहीं कर पाई है. जिसके चलते 6 सालों से देश की सुरक्षा और चारधाम यात्रा वैली ब्रिज के सहारे चल रही है. इस वैली ब्रिज पर वाहनों का भार कम करने के लिए कुछ समय पहले बीआरओ ने एक वैकल्पिक मार्ग बनाया था. जो नदी के तेज बहाव में बह गया है. जिसके चलते भारी वाहनों की आवाजाही भी वैली ब्रिज से हो रही है. ऐसी स्थिति में वाहनों के दबाव के चलते वैली ब्रिज पर भी खतरा बढ़ गया है.
मामले को लेकर स्थानीय उम्मेद सिंह ने बताया कि जब तक बीआरओ या प्रशासन यहां पर पक्के पुल का निर्माण नहीं करेगा तब तक यह वैली ब्रिज हमेशा कि तरह कुछ समय अंतराल के बाद टूटते रहेंगे. उन्होंने कहा कि अभी तक पुलों के टूटने पर कोई हादसा नहीं हुआ है. लेकिन हादसा होने की संभावना लगातार बनी हुई है. उन्होंने कहा कि वैकल्पिक मार्ग के बह जाने के बाद से सेना के बड़े- बड़े वाहन और मालवाहक भी इसी पुल से गुजर रहे हैं. ऐसे में वैली ब्रिज पर दबाव बनता जा रहा है.
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पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य दिग्विजय सिंह ने बताया कि यदी यह वैली ब्रिज क्षतिग्रस्त होगा तो इससे चारधाम यात्रा और पर्यटन पर भी खासा असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा और पर्यटन लोगों की आजीविका का मुख्य साधन है. साथ ही बताया कि पिछली बार पुल के टूटने से भटवाड़ी तहसील सहित कई गांवों का सम्पर्क जनपद मुख्यालय से टूट गया था. जिसके बाद से स्थानीय लोग सरकार से कई बार पक्के पुल के निर्माण की मांग कर चुके हैं. लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.